प्रियंका हत्याकांड पर बोले रामगोपाल वर्मा - ‘पागल कुत्तों को मारने की मांग करना वक्त जाया करना ’

हैदराबाद : प्रमुख फिल्म निर्देशक रामगोपाल वर्मा ने प्रियंका रेड्डी हत्याकांड के आरोपियों की तुलना पागल कुत्तों से करते हुए कहा कहा कि ऐसे पागल कुत्तों को मार डालने की मांग करना वक्त की बर्बादी है। हमें सोचना चाहिए कि हम महिला की रक्षा कैसे कर सकते हैं। इसके लिए हमें क्या करना चाहिए।
Instead of impractical emotional outbursts of wanting to castrate them and burning them the concerned organisations should demand for a televised questioning of the rapists by psychiatrists and social scientists to understand what makes such people possible — Ram Gopal Varma (@RGVzoomin) November 30, 2019
रामगोपाल वर्मा ने कहा कि रेप करनेवालों को मार डालना चाहिए या जला देना चाहिए ? ऐसी मांग करने की बजाय मनोवैज्ञानिक और मानव विज्ञानी द्वारा सवाल पूछकर रेपिस्टों में छुपे राक्षस और अपराध की प्रवृत्ती को जानने के प्रयास करना चाहिए। रेपिस्टों ने बुरा कैसे सोचा और क्यों सोचा..? यह भी हम जान लेंगे तो भविष्य में रेपिस्टों को रोका जा सकता है।
The sensitivity of Dr.Priyanka’s rapists will be lesser than wild dogs.Hence there’s no point in screaming for violent revenge..It’s point less to ask for brutal punishment for wild dogs ..instead effort should be on creating a sure safe atmosphere at vulnerable places for women. — Ram Gopal Varma (@RGVzoomin) November 30, 2019
रेपिस्ट पागल कुत्ते हैं
आरजीवी ने कहा कि वेटरनरी डॉक्टर प्रियंका रेड्डी की हत्या करनेवाले आरोपियों की मानसिक प्रवृत्ती पागल कुत्तों की तरह है। उन्हें मार डालने की बात करते हुये समय जाया करना बेकार है। उन पागल कुत्तों को कितनी भी कड़ी सजा दी जाए, कम है। उसकी बजाय महिलाओं को किस तरह संरक्षण दिया जा सकता, इस पर गौर करना चाहिए।
No rapist ever learns from the fate of earlier rapists and we saw this from before Nirbhaya in 2012 till now..That’s because they will not have the mental capacity to learn and fear the same way as a mad dog cannot learn from what happened to another mad dog — Ram Gopal Varma (@RGVzoomin) November 30, 2019
वर्मा ने कहा कि कोई भी रेपिस्ट बीते अनुभव से कुछ नहीं सीखता है। वर्ष 2012 में निर्भया घटना से अभी तक हमने यही देखा है। रेपिस्टों को पहले से ही डर होता तो उनकी मानसिकता उस तरह की होती। एक पागल कुत्ता दुसरे पागल कुत्ते से क्या सीखता है। मेरा कहने का उद्देश्य वेटरनरी डॉक्टर की हत्या करनेवाले पागल कुत्ते हैं, कहकर उन्हें छोड़ना नहीं है।
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रामगोपाल ने कहा कि रेपिस्ट द्वारा समाज को दिये गये घाव और बीमारी का कैसे इलाज किया जा सकता है, इस पर शास्त्रीय दृष्टिकोन से सोचना चाहिए। तब कहीं जाकर महिला को संरक्षण मिलेगा और महिला सुरक्षित रहेगी। एक सांप के टुकड़े-टुकड़े कर मार डालने से दूसरा सांप नहीं काटेगा, ऐसा कह नहीं सकते, क्योंकि उसमें सोचने की शक्ती नहीं होती है।