नलगोंडा सड़क हादसा : मृतकों की संख्या बढ़कर हुई 11, मुख्यमंत्री ने जताया शोक

CM KCR ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया
तीन अन्य की हालात चिंताजनक बताई गई
हैदराबाद : तेलंगाना (Telangana ) के नलगोंडा (Nalgonda) जिले के अंगीपेट के पास में गुरुवार शाम को हुए सड़क हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 11 हो गई हैं। जबकि 9 अन्य घायलों का इलाज जारी हैं। इनमें से तीन अन्य की हालात चिंताजनक बताई गई हैं।
मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने सड़क हादसे पर गहरा शोक जताया है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से दुर्घटना के कारणों के बारे में पूछताछ की। साथ ही दुर्घटना में मारे गए मजदूरों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि घायलों का बेहतर इलाज मुहैया कराया जाये।
सड़क दुर्घटना में मारे गये लोगों में ऑटो चालक कोट्टम मल्लेशम (40), नोमुला पेद्दम्मा (55), नोमुला सैदम्मा (28), गोगुडु इद्दम्मा (45), कोट्टम पेद्दम्मा (42), नोमुला अंजम्मा (46) की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि कोट्टम चंद्रम्मा (68), गोडुगु लिंगम्मा और अलिवेलु की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई।
शराब के नशे में लॉरी चालक
पुलिस अधीक्षक रंगनाथ ने बताया कि दुर्घटना का कारण बने लॉरी चालक को हिरासत में ले लिया गया है। लॉरी चालक का ब्रीथ एनालाइजर किया गया है। एनालाइजर परीक्षण पता चला कि चालक शराब के नशे में था। उन्होंने कहा कि शराब पीना और तेज रफ्तार से लॉरी चलना ही दुर्घटना का कारण रहा है।
एक ही परिवार में तीन की मौत, बच्चे हो गये अनाथ
सड़क दुर्घटना में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई हैं। इनमें ऑटो चालक कोट्टम मल्लेश, उनकी पत्नी कोट्टम चंद्रम्मा और उसकी मां कोट्टम पेद्दम्मा शामिल हैं। मल्लेश हर दिन ऑटो चलाकर परिवार को पालपोस रहा था। जबकि उसकी पत्नी चंद्रम्मा और मां पेद्दम्मा रोजमजदूरी पर जाते थे। माता-पिता की मौत हो जाने से मल्लेश के दोनों बेटे अरविंद और हरीश अनाथ हो गये हैं।
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आपको बता दें कि नलगोंडा जिले के चिंताबावी (Chintabavi) गांव के 20 मजदूर ऑटो में बैठकर वापस गांव जा रहे थे। इस बीच ट्रक का चालक जो शराब के नशे में था और एक वाहन को ओवटर टेक किये जाने के कारण सामने से आ रही ऑटो को टक्कर मार दी। ऑटो में सवार सभी लोगों की पहचान दिहाडी मजदूर के रूप में की गई है। ये सभी रंगारेड्डीपालेम गांव के रहने वाले थे। यह सभी खेत में नाटुलू (धान के पौधे की रोपाई) लगा कर वापस लौट रहे थे।