मटन खा रहे हैं तो हो जाएं सावधान, क्या आप को इस बात का इल्म है, अगर नहीं तो पढें पूरी खबर

हैदराबाद : हैदराबाद ( Hyderabad) में मांसाहारी ( Non Vegeterian) की संख्या ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में अधिक है। सप्ताह में छह दिन सब्जियां खाने के बावजूद ज्यादातर लोग वीकएंड पर नॉन वेज खाते हैं। हाल ही में हुए बर्ड फ्लू के प्रकोप के कारण चिकन की बिक्री घट गई है। हालांकि इसकी वजह से मटन की बिक्री में इजाफा हो गया है। बता दें कि पहले से ही मांसाहार का सेवन करने वाले कई लोग मटन खाना शुरू कर चुके हैं।
मिली जानकारी के अनुसार कहा जा रहा है कि हैदराबाद के मटन बेचने वाले दुकानदार नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। और तो और मटन खरीदने वालों को भी स्टैंपिंग प्रक्रिया की जानकारी नहीं है। इस बात की जानकारी हाल ही में हुए एक सर्वेक्षण से सामने आई। कई हैदराबादियों का मानना है कि वे जो मांस खरीदते हैं वह अच्छा है।
शहर में मटन और बीफ की दुकानों को जीएचएमसी को स्लॉटर हाउस में वध किए गए जानवरों का मांस लेना और बेचना चाहिए। पशु चिकित्सक की अनुमति से ही स्वस्थ बकरियों और भेड़ों का वध किया जाना चाहिए। अगर उस पर स्टैम्पिंग होगी तभी पता चल सकेगा वो हाई क्वालिटी वाला मांस है। लेकिन शहर के ज्यादातर मटन शॉप मैनेजर अपनी ही बकरियों और भेड़ों को मार रहे हैं।
माना जा रहा है कि जिन लोगों के पास अपनी बकरियां और भेड़ें हैं, वे बीमार बकरियों को मार सकते हैं। इस मांस को खाने वालों का स्वास्थ्य भी खराब होता है। GHMC का कहना है कि वह उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगा जो बिना मोहर के मटन बेचते हैं। हालांकि इसके बावजूद जीएचएमसी से बिना परमिशन लिए कई जगहों पर खुले आम जानवरों को मारा जा रहा है उनका मांस बेचा जा रहा है। बता दें कि ज्यादातर लोगों को इस बाबत जानकारी ना होने से कई लोग बिना मोहर के मटन खरीद रहे हैं।