दुब्बाका उपचुनाव : युवा वोटरों पर राजनीतिक दलों की नजर, किसे मिलेगा Youth Vote

युवाओं का रुख किस तरफ...
46 लोग...103 नामांकन
टीआरएस को सबक सिखाए
हैदराबाद : दुब्बाका उपचुनाव सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गए हैं। पार्टी की ताकत चाहे कुछ भी हो लेकिन चुनावी माहौल को रोचक बनाने में युवाओं का योगदान अहम होता है। उम्रदराज लोगों की वोटिंग साइलेंट होने के मद्देनजर राजनीतिक दलों के नेता अब युवाओं को आकर्षित करने में जुट गए हैं। नेताओं का मानना है कि युवाओं को लुभाने पर चुनाव प्रचार में उनका इस्तेमाल करने के साथ-साथ उनके वोट भी मिल जाएंगे। यही वजह है कि पार्टियां युवाओं की स्पेशल मीटिंग बुलाकर उनके लिए लुभावन आश्वासन दे रहे हैं।
सिद्दीपेट : दुब्बाका विधानसभा निर्वाचन में 18 से 25 आयु वाले युवक-युवतियां 10 फीसदी हैं। निर्वाचन क्षेत्र में कुल 1,97,468 वोटर हैं, जिनमें करीब 20 हजार युवा वोटर हैं। हाल में संपन्न स्थानीय निकाय चुनाव में पहली बार वोटर बने युवाओं की संख्या करीब 5 हजार है, जिसमें विद्यार्थी, सरकारी और निजी कर्मचारियों के साथ कृषि व अन्य काम करने वाले शामिल हैं। पार्टियां युवक-युवतियों और उनके द्वारा किए जाने वाले काम के आधार पर उनकी जरूरतों का पता लगाकर विभिन्न आश्वासनों के जरिए उन्हें अपनी तरफ आकर्षित करने की कोशिश कर रही हैं।
युवाओं का रुख किस तरफ...
सत्तारूढ़ टीआरएस ने पिछले दौलताबाद में दो हजार युवाओं के साथ बाइक रैली निकाली। पार्टी से संबद्ध तेलंगाना विद्यार्थी संघ के नेताओं को निर्वाचन क्षेत्र में चक्कर लगवा कर युवाओं को जुटाने का प्रयास कर रही है। उसी तरह, विद्यार्थी और युवा संगठनों की मीटिंग कर स्थिति की समीक्षा की जा रही है। यही नहीं, युवाओं को खेलने के लिए जरूरी खेल सामग्री, किट्स, जिम की व्यवस्था करने का आश्वासन देते हुए उन्हें लुभाने का प्रयास किया जा रहा है।
दूसरी तरफ, भाजपा युवाओं को आधार बनाकर चुनाव प्रचार कर रही है। मुख्य रूप से भाजपा से जुड़े एबीवीपी, आरएसएस, बजरंगदल, महिला मोर्चा जैसे संगठनों के युवाओं का चुनाव प्रचार में इस्तेमाल किया जा रहा है।
कांग्रेस भी एनएसयूआई के युवा कैडर को आगे रखकर चुनाव प्रचार कर रही है। निर्वाचन क्षेत्र के युवाओं के अलावा चुनाव प्रचार के लिए जिलभर में मौजूद युवाओं को बुलाकर प्रचार में भागीदार बनाया जा रहा है। लॉक डाउन की वजह से कॉलेजों का अभी तक नहीं खुलने और अन्य काम नहीं होने से दुब्बाका उपचुनाव में प्रचार कर रहे लोगों में युवा अधिक संख्या में दिखाई दे रहे हैं। हालांकि मतदान तक क्यो होगा और युवाओं के वोट किसे मिलेंगे यह देखना बहुत ही दिलचस्प होगा।
46 लोग...103 नामांकन
दुब्बाका उपचुनाव में नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुक्रवार को खत्म हो गई। 9 अक्टूबर से अब तक कुल 46 उम्मीदवारों ने 103 सेट नामांकन दाखिल किए। आखिरी दिन शुक्रवार को 34 उम्मीदवारों ने 48 सेट्स के नामांकन दाखिल किए हैं।
उपचुनाव में टीआरएस को सबक सिखाए
पूर्व मंत्री व कॉमेडियन बाबू मोहन का कहना है कि दुब्बाका उपचुनाव में वोटर्स का फैसला टीआरएस के लिए एक सबक होना चाहिए। मंडल मुख्यालय मिरुदोड्डी में शुक्रवार को विश्वकर्मा संघ के सदस्यों के साथ विभिन्न पार्टियों के कई नेता बाबू मोहन और भाजपा उम्मीदवार मादवनेनी रघुनंदन राव के समक्ष भाजपा में शामिल हुए। इस मौके पर बाबू मोहन ने कहा कि तेलंगाना आंदोलन में शामिल लोगों का टीआरएस में सम्मान नहीं है। तेलंगाना आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान निभाने वाले रघुनंदन राव जैसे नेता को पार्टी से बाहर किया गया।
टीआरएस भी युवाओं को कर रही आकर्षित
तोगुटा के प्रभारी व अंदोल के विधायक चंटी क्रांति किरण ने कहा है कि दुब्बाका उपचुनाव में युवाओं को महत्वपूर्ण योगदान देना चाहिए। उन्होंने मंडल के कानगल गांव में टीआरएस युवता और विद्यार्थी विभाग के मुख्य नेताओं के साथ बैठक की और उन्हें पार्टी की जीत के लिए हर संभव सहयोग देने की अपील की।
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