कृषि कानूनों के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित करें केसीआर : भट्टी विक्रमार्क

धानसभा का विशेष सत्र बुलाने का आग्रह
किसान हितों को कॉरपोरेट के हाथों में सौंप दिया
हैदराबाद : कांग्रेस विधायक दल के नेता मल्लू भट्टी विक्रमार्क (Mallu Bhatti Vikramarka) ने मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (KCR) से मांग की है कि वे केंद्र सरकार के किसान विरोधी कानून के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित करें। भट्टी ने मुख्यमंत्री केसीआर को बुधवार को एक पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने केसीआर से आग्रह किया है कि राज्यपाल से अनुरोध किया जाए कि वे केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों (Agriculture Law) के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएं।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों पर अंतरिम फैसले के बावजूद और अपने को किसानों के शुभचिंतकों के रुप में दर्शाते हुए केसीआर को तेलंगाना राज्य विधानसभा में कृषि कानून का विरोध करना चाहिए और इसके निरस्त करने की मांग करते हुए प्रस्ताव पारित करना चाहिए।
भट्टी ने राज्य के गांवों में खरीद केंद्रों को बंद करने के मुख्यमंत्री के फैसले की निंदा की और बिना शर्त इसको फिर से शुरु करने की मांग की। उन्होंने कहा कि तीन केंद्रीय कृषि कानूनों पर केसीआर के यू-टर्न ने राज्य के किसानों और कृषि क्षेत्र को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है और किसान हितों को कॉरपोरेट के हाथों में सौंप दिया है।
भट्टी ने याद दिलाया कि केसीआर विवादस्पद कृषि कानूनों का विरोध करने वाले मुख्यमंत्रियों से एक थे। उन्होंने भारत बंद के दौरान किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त थी और अपनी पार्टी के नेताओं और कैडर को 8 दिसंबर को भारत बंद में भाग लेने को कहा था। पार्टी के के कार्यकारी अध्यक्ष और आईटी मंत्री केटीआर के नेतृत्व में ऐसा किया गया था।
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इस बीच पांच गैर भाजपा शासित राज्यों ने पहले ही कृषि कानूनों का विरोध करते हुए प्रस्ताव पारित कर दिए है। जबकि उनमें से तीन राज्य पंजाब, छत्तीसगढ़, और राजस्थान में कांग्रेस का शासन है और चौथी दिल्ली में आम आदमी पार्टी का शासन है। पांचवें में सीपीएम के नेतृत्व वाली केरल राज्य की सरकार है। केसीआर को भी चाहिए कि वे इसके लिए विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल से अनुरोध करें।