धोनी के गुरु देवल सहाय का निधन, इन्हीं ने बदली थी माही की जिंदगी

नई दिल्ली : भारत को दो बार विश्व कप विजेता बनाने वाले पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) के मेंटॉर (Mentor) देवल सहाय (Deval Sahay) का मंगलवार को रांची (Ranchi) के एक अस्पताल में निधन हो गया। सहाय को रांची में पहली टर्फ पिच तैयार करने का श्रेय जाता है। वह 73 वर्ष के थे। वह अपने पीछे पत्नी, एक बेटी और एक बेटे को छोड़ गए हैं। सहाय की बेटी मीनाक्षी, जो अमेरिका में रहती हैं, इन दिनों रांची में हैं।
सहाय, जिनका पहला नाम देवब्रत था, लेकिन लोग उन्हें देवल बुलाते थे। उन्हें सांस लेने में तकलीफ के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें नौ अक्टूबर को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। सहाय के बेटे अभिनव आकाश सहाय ने आईएएनएस से कहा, "घर पर करीब 10 दिन बिताने के बाद, उन्हें फिर से एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्हें जटिलताएं पैदा हो गई थीं और आज तड़के करीब 3 बजे रांची में उनका निधन हो गया।"
इलेक्ट्रिकल इंजीनियर देवल सहाय, रांची में पहली टर्फ पिच तैयार करने में सहायक थे। मेकॉन में, जहां वे मुख्य अभियंता थे, और फिर सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड में थे, जहां से वे निदेशक (कार्मिक) के रूप में सेवानिवृत्त हुए।
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धोनी के पिता ने मेकॉन में भी काम किया था। जब वह सीसीएल में थे, सहाय ने एक युवा धोनी को वजीफे पर रखा और उन्हें टर्फ पिचों पर खेलने का पहला अवसर प्रदान किया। सहाय का कैरेक्टर धोनी की बॉयोपिक बॉलीवुड फिल्म 'एमएस धोनी : द अनटोल्ड स्टोरी' में भी दिखाया गया है।