कोरोना काल में हो रही जवान पंडितजी की तलाश, जानें क्या है इन इवेंट कंपनियों की मजबूरी!

आधी भी नहीं रह गई है वेडिंग इंडस्ट्री
शादी समारोह में न कोई बच्चा होगा न बुजुर्ग
सताने लगा है सरकारी कार्रवाई का डर
नई दिल्ली: कोरोना (Corona) ने तरह तरह के झटके दिए हैं तो कई लोगों के लिए तमाम तरह के अवसर भी पैदा कर दिए हैं। फिलहाल शादी के सीजन (Marriage Season) में शादी कराने वाले पंडितों (Panditji) की डिमांड को लेकर एक खास तरह की चुनौती आ रही है तो लोगों को बैठे-बिठाए शानदार ऑफर भी मिल रहे हैं।
आजकल शादी-ब्याह व मांगलिक कार्यों को कराने का ठेका लेने वाली इवेंट कंपनियां शहरों में नौजवान पंडितों को ढूंढ रही हैं, जो शादी-ब्याह के साथ-साथ अन्य मांगलिक कार्य भी करा सकें।
आधी भी नहीं रह गई है वेडिंग इंडस्ट्री
कहा जा रहा है कि कोरोना के दौर में फिलहाल 45 हज़ार करोड़ रुपये की वेडिंग इंडस्ट्री आधी भी नहीं रह गई है। इस पर उनके लिए हर दिन बदल रही सरकारी गाइडलाइन्स भी नई तरह की परेशानियां पैदा कर रही हैं।
देवोत्थान एकादशी से शुरू हुए शादियों के इस सबसे बड़े सीजन में कई महीने पहले की बुकिंग के बावजूद लोग नए नए इंतजाम करने को लेकर परेशान हैं। जिस भी परिवार में इन दिनों शादियां हैं, उनकी चुनौतियों में एक बड़ी चुनौती नौजवान पंडितजी की तलाश भी शामिल हो रही है।
शादी समारोह में न तो कोई बच्चा होगा न बुजुर्ग
दिल्ली-गाज़ियाबाद व NCR में एक इवेंट कंपनी के मैनेजर कहते हैं, यूपी सरकार का आदेश आया है कि शादी समारोह में न तो कोई छोटा बच्चा शामिल होगा और न ही कोई बुजुर्ग। इसीलिए हम लोगों को मजबूरन ऐसे पंडित की तलाश करनी पड़ रही है, जिसे शादी में धार्मिक रीति-रिवाज पूरे कराने की जानकारी हो।
सताने लगा है सरकारी कार्रवाई का डर
आमतौर पर इस कार्य के लिए सारे पंडितजी बुजुर्ग ही मिल रहे हैं। ऐसे में समारोह में किसी बुजुर्ग के शामिल होने पर सरकारी कार्रवाई होने का डर सताने लगा है।
इवेंट कंपनी के मैनेजरों का कहना है कि अब 30-50 साल के बीच की आयु वाले या नौजवान जैसे दिखने वाले कम उम्र के पंडितजी तलाशे जा रहे हैं। जो मिल रहे हैं, उनके हिसाब से टाइम मैनेजमेंट करने की जुगत की जा रही है।
इसीलिए कुछ शादियां दिन में, तो कुछ अन्य शाम में जल्दी निपटाने की कोशिश की जा रही है, ताकि पंडित जी दूसरी बुकिंग में जा सकें।