कांग्रेस ने किसानों के विरोध के बीच संसद बुलाने की मांग की, अभी तक नहीं लिया गया है फैसला

कांग्रेस ने संसद के शीतकालीन सत्र की मांग
किसान लगातार कर रहे हैं कृषि बिलों का विरोध
नई दिल्ली : किसानों का विरोध प्रदर्शन (Farmers Protest) लगातार जारी है। किसानों ने सरकार के कमेटी बनाने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। किसान कृषि कानून (Agriculture laws) को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं। इसी बीच कांग्रेस (Congress) ने बुधवार को संसद (Parliament) का शीतकालीन सत्र बुलाने की मांग की है।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी (Manish Tewari) ने सरकार से बिना किसी देरी के सत्र बुलाने की मांग की। उन्होंने ट्वीट किया, "किसानों ने दिल्ली को घेर लिया है, अर्थव्यवस्था आधिकारिक तौर पर मंदी में है..सरकार को बिना देरी किए संसद का शीतकालीन सत्र जल्द से जल्द आयोजित करने की जरूरत है।"
कोविड मामलों का भी किया जिक्र
कांग्रेस की मांग केंद्र सरकार और 32 किसान यूनियन नेताओं के बीच वार्ता के एक दिन बाद आई। चौथे दौर की वार्ता गुरुवार यानी 3 दिसंबर को होगी। तिवारी ने ये भी कहा कि बढ़ते कोविड मामलों और चीनी अतिक्रमण के मद्देनजर सत्र बुलाया जाना जरूरी है।
Farmers have besieged Delhi , Economy is officially in recession , Chinese continues to encroach upon over 1000 square kilometres of our land,COVID cases are at 95 lakhs with 1.38 lakhs dead in 8 months.
GOVT NEEDS TO CONVENE THE WINTER SESSION OF PARLIAMENT ASAP WITHOUT DELAY🛑— Manish Tewari (@ManishTewari) December 2, 2020
उन्होंने ट्वीट किया, "चीन का हमारी जमीन के 1000 वर्ग किलोमीटर से अधिक इलाके में अतिक्रमण जारी है, कोविड के मामले 8 महीने में 1.38 लाख मौतों के साथ के साथ 95 लाख तक पहुंच गए हैं।"
देश में कोरोना के आकंड़े 94 लाख के पार
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा कि मंगलवार को भारत में कुल कोरोना मामलों की संख्या 94,62,809 हो चुकी है जबकि 1,37,621 लोग इस बीमारी से जान गंवा चुके हैं। सरकार ने सभी राजनीतिक दलों के साथ टीका वितरण के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
इसे भी पढ़ें:
राहुल का मोदी पर तंज, किसान सड़क पर और 'झूठ' टीवी पर दे रहा भाषण
बता दें कि सरकार के साथ बातचीत फेल होने के बाद किसानों ने आक्रामक रुख अपना लिया है। किसानों ने फिर सरकार के उस प्रस्ताव को ठुकराया है, जिसमें सरकार ने कमेटी बनाने की बात कही थी। पंजाब और हरियाणा से बड़ी संख्या में किसान अब दिल्ली की ओर बढ़ने लगे हैं, ताकि यहां मौजूद किसानों को समर्थन दिया जा सके। दूसरी ओर सरकार भी एक्टिव दिख रही है।
संसद के सत्र को लेकर नहीं हुआ फैसला
संसद का शीतकालीन सत्र कोरोना महामारी की भेंट चढ़ सकता है। सरकार साल के आखिरी सत्र पर अब तक फैसला नहीं ले पाई है। संसद का शीतकालीन सत्र आमतौर पर नवंबर के तीसरे हफ्ते से शुरू होता है, लेकिन दिल्ली में जिस रफ्तार से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, उससे लगता है कि सरकार सत्र को नहीं बुलाएगी और अगले साल जनवरी के अंत में सीधे बजट सत्र कराएगी।
इस साल संसद के दो सत्र हुए हैं। लॉकडाउन और कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए मार्च में बजट सत्र को समय से पहले ही समाप्त करना पड़ा था। वहीं, मानसून सत्र को भी तय समय से पहले समाप्त करने का फैसला लिया गया था।