कोरोना में तेजी के कारण जारी रहेगा अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर बैन, DGCA का निर्देश

मुंबई : कोरोना महामारी(Covid-19) के कारण देश में विदेशी उड़ानों पर रोक लगी हुई है। कोरोना(Corona) के बढ़ते मामलों को देखते हुए महीनों से लगी रोक की अवधि को अब और बढ़ा दिया गया है। देश के विमानन सुरक्षा नियामक डीजीसीए(DGCA) ने गुरुवार को अनुसूचित अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक यात्री उड़ानों(Flights) के निलंबन को 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया। हालांकि, इस दौरान वंदे भारत मिशन के तहत जाने वाली खास उड़ानें जारी रहेंगी।
एक आधिकारिक के मुताबिक ये रोक अंतरराष्ट्रीय मालवहन संचालन और नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) की ओर से मंजूरी प्राप्त विशेष उड़ानों पर लागू नहीं होगा।
अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर बैन
डीजीसीए ने सर्कुलर में कहा, ‘‘दिनांक 26-6-2020 के सर्कुलर में आंशिक संशोधन के तहत सक्षम प्राधिकारी ने भारत से/ भारत के लिए अनुसूचित अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक यात्री सेवाओं के निलंबन के संबंध में जारी परिपत्र की वैधता को 31 दिसंबर 2020, 23:59 बजे (आईएसटी) तक बढ़ा दिया है।'' हालांकि, चुनिंदा मार्गों पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा अंतरराष्ट्रीय अनुसूचित उड़ानों की अनुमति दी जा सकती है। कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर भारत ने 23 मार्च से 30 नवंबर तक अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक यात्री उड़ानों को रद्द कर दिया था। अब नए आदेश के मुताबिक 31 दिसंबर तक इंटरनेशनल फ्लाइट पर रोक लगा दी गई है।
20 लाख से ज्यादा फंसे भारतीय घर लौटे
कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर भारत में 23 मार्च से अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ान सेवाएं निलंबित हैं। मई से ‘वंदे भारत मिशन’ के तहत और जुलाई से द्विपक्षीय ‘एयर बबल’ व्यवस्था के तहत कुछ देशों के लिए विशेष अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाओं का परिचालन हो रहा है। भारत ने करीब 18 देशों के साथ ‘एयर बबल’ समझौता किया है। देश में घरेलू उड़ान सेवा करीब दो महीने तक बंद रहने के बाद 25 मई से दोबारा शुरू की गई थी।
7 मई से वंदे भारत मिशन की शुरुआत किए जाने के बाद से 29 अक्टूबर तक 20 लाख से ज्यादा भारतीय दूसरे देशों से वापस आए हैं। एक अक्टूबर से शुरू मिशन के सातवें चरण के तहत इस महीने के अंत तक 24 देशों से 1057 अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का संचालन किया गया। इसके तहत 1.95 लाख लोगों के आने का अनुमान है।