VIdeo: क्या हुआ जब UP के सांसद साक्षी महाराज को झारखंड के गिरिडीह SDM ने रोका और कहा...

SDM ने कहा, उन्हें क्वारेंटाइन में रहना होगा
14 दिन के होम क्वारेंटाइन में रहने का निर्देश
बुजुर्ग मां से मिलने के लिए झारखंड आए थे
गिरिडीह: उत्तर प्रदेश के उन्नाव से सांसद साक्षी महाराज का झारखंड आना उनके लिए परेशानी का कारण बन गया। यही नहीं, इस दौरान वह विवादों में भी आ गए। हालांकि इससे पहले भी साक्षी महाराज कई बार अलगअलग कारणों से विवादों में घिर चुके हैं, लेकिन इस बार लॉकडाउन के नियमों के पालन को लेकर। आइए जानते हैं पूरा मामला...
धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होकर धनबाद लौट रहे थे
दरअसल, उत्तर प्रदेश के उन्नाव के भाजपा सांसद साक्षी महाराज के वाहन को शनिवार को यहां गिरिडीह जिला प्रशासन ने रोका। इसके बाद से ही मामले को लेकर राजनीति शुरू हो गई। बता दें कि गिरिडीह शहर में धार्मिक कार्यक्रम में सम्मिलित होने के बाद सांसद धनबाद लौट रहे थे। पीरटांड़ के पास सड़क और बेरिकेट लगाकर सांसद को रोका गया और क्वारेंटाइन में रहने का निर्देश दिया गया।
साक्षी महाराज गिरिडीह के शांति भवन आए थे
बताया जाता है कि सांसद साक्षी महाराज गिरिडीह के शांति भवन आए थे और यहां भक्तों से मिलने के बाद धनबाद जा रहे थे। इसी बीच उनके वाहन को ओवरटेक किया गया और पीरटांड़ थाना के पास बेरिकेट लगाकर उनके वाहन को रोक दिया गया।
SDM ने कहा, उन्हें क्वारेंटाइन में रहना होगा
इस दौरान एसडीएम प्रेरणा दीक्षित ने सांसद को कहा कि उन्हें क्वारेंटाइन में रहना होगा। इस पर सांसद ने कहा कि वे सड़क मार्ग से आए हैं। ऐसे में उन्हें क्वारेंटाइन में रहने की आवश्यकता नहीं है। इस पर एसडीएम ने साफ कहा कि राज्य के मुख्य सचिव का आदेश है और हर हाल में उन्हें क्वॉरेंटाइन में जाना होगा।
14 दिन के होम क्वारेंटाइन में रहने का निर्देश
दरअसल, झारखंड सरकार के लॉकडाउन नियम के तहत दूसरे राज्य से आने वाले व्यक्ति को अनिवार्य तौर पर 14 दिन के होम क्वारेंटाइन में रहने का निर्देश है। लेकिन साक्षी महाराज ने यह नियम मानने से इनकार कर दिया। मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने नाराजगी व्यक्त की और धमकी वाले अंदाज में कहा— झारखंड भारत का ही राज्य है। यह भारत के बाहर नहीं है। हमारी पार्टी भी राज्य की सत्ता में रह चुकी है और केंद्र में भी हमारी सत्ता है।
IAS बाद में भी IAS ही रहेंगे न!
97 साल की मेरी माता हैं। क्या मैं उन्हें देखने नहीं आ सकता? सरकार और डीएम में इतनी भी संवेदनशीलता नहीं है! यह मेरा अपना आश्रम है। मैं यहां नहीं आ सकता! ये आईएएस अधिकारी हैं, उन्हें आईएएस ही रहना है। क्वारेंटाइन का नियम उन पर लागू होता है जो हवाई यात्रा करके आते हैं। मैं सडक मार्ग से आया हूं। वह भी पहले से इत्तला करके। मेरी वापसी की ट्रेन भी बुक है। जब मैं महज दो घंटे के लिए यहां आया हूं तो 14 दिन क्वारेंटाइन में खुद को कैसे रख सकता हूं?
मैं राजनीति से अलग धर्माचार्य हूं
मैं नहीं जानता कि इन सबके पीछे कोई राजनीति है या नहीं। मेरा राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। मैं राजनीति से अलग धर्माचार्य हूं। मेरी स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग है। मेरा रिजर्वेशन देख सकते हैं। जिला प्रशासन रोक रहा है। तो मुझे क्या है, मैं यह रिपोर्ट आगे पहुंचा दुंगा, बस।
बुजुर्ग मां से मिलने के लिए झारखंड आए थे
साक्षी महाराज ने कहा कि वह बुजुर्ग मां से मिलने के लिए झारखंड आए थे, वह भी कुछ ही घंटों के लिए। ऐसे में उनका क्वारेंटाइन होने का कोई मतलब नहीं बनता। बहरहाल, झारखंड में क्वारेंटाइन को लेकर बीजेपी नेता और झारखंड प्रदेश के अधिकारियों के बीच हुई इस तीखी नोकझोंक का असर आगे चलकर क्या देखने को मिलेगा, अब यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।