कोरोना वैक्सीन : बुजुर्गों के लिए वरदान साबित होगी 'एस्ट्राजेनेका', क्रिसमस से पहले आने की उम्मीद

ट्रायल के दौरान बुजुर्गों में एंटीबॉडी और टी-सेल में हुई बढ़ोतरी
क्रिसमस तक आएंगे हालिया क्लिनिकल ट्रायल्स के नतीजे
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कर रही वैक्सीन का उत्पादन
लंदन : ब्रिटेन की दवा बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका एक कोरोना वैक्सीन विकसित कर रही है। इस वैक्सीन ने बुजुर्गों में भी जबर्दस्त प्रतिरोधक क्षमता विकसित की है। शोधकर्ताओं का कहना है कि क्रिसमस तक हालिया क्लिनिकल ट्रायल्स के नतीजे आने की उम्मीद है। बता दें कि एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर यह वैक्सीन विकसित कर रही है।
कंपनी द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक यह वैक्सीन 70 साल से ज्यादा उम्र के उन लोगों में प्रतिरोधक क्षमता में भारी बढ़ोतरी कर सकती है, जिन्हें कोरोना से मौत का खतरा ज्यादा है। ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ग्रुप के सलाहकार महेशी रामासामी ने बताया कि ट्रायल के दौरान वैक्सीन लगने के बाद बुजुर्गों में एंटीबॉडी और टी-सेल में उत्साहजनक बढ़ोतरी दर्ज की गई, जिससे हमें उम्मीद है कि यह वैक्सीन लोगों की जिंदगी बचाने में मददगार होगी।
तीसरे ट्रायल के नतीजे होगें अहम
उन्होंने कहा है कि वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के नतीजों को देखने की भी जरूरत है। वहीं अध्ययन से जुड़े शोधकर्ताओं का कहना है कि ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ग्रुप के सभी नतीजे क्रिसमस तक आने की उम्मीद है। एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित की गई वैक्सीन के नतीजे भारत के लिए भी अच्छी खबर है। भारत में इस वैक्सीन का उत्पादन पुणे स्थित दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन उत्पादक फर्म सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया यानि एसआइआइ कर रही है।
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बीते दिनों एसआइआइ के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा था कि भारत को दिसंबर तक एस्ट्राजेनेका के वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक मिल जाएगी। पूनावाला के मुताबिक एस्ट्राजेनेका और सीरम के बीच एक अरब खुराक उत्पादन करने का करार हो चुका है। इतना ही नहीं पूनावाला ने उम्मीद जताई थी कि अगले महीने तक भारत सरकार से इसके आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति मिल सकती है।