रोहिंग्या के मुद्दे पर ओवैसी ने अमित शाह पर साधा निशाना, कहा- क्या वो सो रहे हैं ?

हैदराबाद : एआईएमआईएम (AIMIM) के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) जहां चुनावी सूची से रोहिंग्या (Rohingyas) के नाम हटाने की बात कर रहें है तो वहीं दूसरी तरफ उसी पार्टी के एक विधायक ने बिहार में शपथ के दौरान हिंदुस्तान के नाम पर ही आपत्ति जता दी। जिसके लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है।
असदुद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद में सोमवार को जीएचएमसी चुनाव के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 'अगर चुनावी सूची में 30,000 रोहिंग्या हैं, तो देश के गृह मंत्री अमित शाह क्या कर रहे हैं? वह सो रहे हैं? क्या यह देखना उनका काम नहीं है कि 30-40 हजार रोहिंग्या कैसे सूचीबद्ध हो गए हैं? अगर भाजपा ईमानदार है, तो उसे मंगलवार शाम तक 1,000 ऐसे नाम दिखाने चाहिए।
Their intention is to create hatred. This fight is between Hyderabad and Bhagyanagar. It is your responsibility now to decide who will win: AIMIM Chief Asaduddin Owaisi
(23.11.2020) https://t.co/kkmh6O1Bk5— ANI (@ANI) November 24, 2020
असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा कि उनका इरादा नफरत पैदा करना है। जीएचएमसी चुनाव की यह लड़ाई हैदराबाद और भाग्यनगर के बीच है। अब यह तय करना आपकी जिम्मेदारी है कि कौन जीतेगा।
हिंदुस्तान के नाम पर ही आपत्ति
वहीं दूसरी तरफ बिहार में एआईएमआईएम के एक नवनिर्वाचित सदस्य अख्तरुल इमाम ने शपथ लेते समय देश के नाम हिंदुस्तान के नाम पर ही आपत्ति जता दी। उन्होंने उर्दू में शपथ लेते हुए ‘हिंदुस्तान' शब्द के स्थान पर ‘भारत' शब्द का उपयोग किया और इसी नाम के उपयोग की वकालत भी की। इसपर सदन के प्रोटेम स्पीकर जीतन राम मांझी ने कहा कि भारत का संविधान तो हमेशा से चला आ रहा है, आज कोई नई बात नहीं है, सभी उसी नाम पर शपथ लेते हैं।
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शपथ ग्रहण के बाद जब पत्रकारों ने उनसे सवाल किया कि उन्हें ‘हिंदुस्तान' शब्द से क्या आपत्ति है, इमान ने कहा, ''मुझे इस शब्द को लेकर कोई आपत्ति नहीं थी, मात्र एक संशोधन था। संविधान की प्रस्तावना में हम भारत के लोग का वर्णन है इसलिए उसका अनुवाद किए जाने के समय उसमें भारत शब्द का होना ज्यादा मुनासिब है। मुझे हिंदुस्तान शब्द से कोई एतराज नहीं, लेकिन संविधान में भारत शब्द का ज्यादा इस्तेमाल हुआ है इसलिए हमारे दृष्टिकोण से इस शब्द का जैसा कि अन्य भाषाओं में अनुवाद किए जाने के दौरान भारत ही किया जाता है, का इस्तेमाल किया जाना अधिक उचित होगा।''