ब्रेस्ट की परेशानी को छुपाएं नहीं, डॉक्टर से खुलकर करें बात

40 की उम्र के बाद अशंका ज्यादा
पहली स्टेज में इलाज संभव
नई दिल्ली: ब्रेस्ट कैंसर आज के समय की एक गंभीर बीमारी बन चुका है। भारत की हर 8 महिलाओं में से एक महिला इस बीमारी की चपेट में है। भारत में ज्यादातर महिलाएं मानती हैं कि परिवार में ब्रेस्ट कैंसर कभी किसी को नहीं हुआ, इसलिए मुझे भी नहीं हो सकता, लेकिन ऐसा सोचना गलत है। ब्रेस्ट कैंसर के 90 फीसदी मामले ऐसी महिलाओं में सामने आते हैं, जिनके घर में कभी किसी को कैंसर नहीं हुआ। इसलिए लापरवाही न करें ब्रेस्ट में किसी भी तरह के बदलाव को लेकर डॉक्टर से जरूर परामर्श लें।
इन बातों का ध्यान रखें
अगर ब्रेस्ट में गांठ, स्तन के निप्पल के आकार या स्किन में बदलाव, स्तन का सख्त होना, यहां पर किसी घाव का लम्बे समय ठीक न होना और निप्पल से रक्त या लिक्विड निकलना इसके लक्षण हैं। इसके अलावा स्तन में दर्द, बाहों के नीचे भी गांठ होना भी स्तन कैंसर के संकेत हैं। हालांकि स्तन में हर गांठ कैंसर नहीं होती, लेकिन इसकी जांच करवाना बेहद जरूरी है, ताकि आगे चलकर कैंसर का रूप ना ले। हालांकि इस रोग का इलाज संभव है। इसलिए इससे डरने की जरूरत नहीं है। पहली स्टेज में ही अगर इस रोग की पहचान हो जाती है तो इसे जड़ से खत्म किया जा सकता है।
क्यों होता है यह कैंसर
बढ़ती उम्र के अलावा हार्मोनल थैरेपी में दी जाने वाली दवाएं, अधिक उम्र में शादी करने के साथ ही अधिक उम्र में बेबी प्लान करना, खराब जीवनशैली और अल्कोहल लेने से यह कैंसर हो सकता है। स्तन कैंसर का कारण आनुवांशिक भी हो सकता है, लेकिन ऐसा सिर्फ 5-10 प्रतिशत महिलाओं में ही पाया जाता है। आमतौर पर 40 की उम्र के बाद इसकी आशंका बढ़ जाती है। इसके अलावा फैमिली हिस्ट्री है तो भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है।
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कैसे पता लगाएं कैंसर हुआ है या नहीं?
शुरुआत में इसके लक्षण दिखाई नहीं देते। लेकिन सेल्फ एग्जामिनेशन और मैमोग्राम जांच करवाकर इसका पता लगा सकते हैं। अलग-अलग महिलाओं में स्तन कैंसर के लक्षण भी अलग पाए जाते हैं। इसलिए कोई भी लक्षण दिखने पर डॉक्टरी सलाह जरूर लें।