पाकिस्तान के साथ 2003 से शुरू हुए संघर्ष विराम का सबसे ज्यादा उल्लंघन इस साल 2020 में किया गया

साल 2003 में शुरू हुआ था संघर्ष विराम समझौता
अग्रिम चौकियों और गांवों को बनाया निशाना
24 सुरक्षाकर्मी समेत 36 लोग मारे गये
जम्मू: साल 2020 कई मायनों में बुरा रहा। कोरोना संक्रमण (Coronavirus) इनमें से सबसे ऊपर माना जा सकता है, वहीं बॉलीवुड (Bollywood) के हालात को दूसरे, राजस्थान (Rajasthan) की राजनीति (Politics) को तीसरे और ऐसे ही कई मामलों को क्रमश: एक-एक कर स्थान दिया जा सकता है। लेकिन बहुत कम लोग जानते होंगे कि इस साल पाकिस्तान (Pakistan) की ओर से हुए संघर्ष विराम (Ceasefire) को भी अगर इस श्रेणी में स्थान देने की कोशिश की जाए तो हालात कैसे होंगे!
दरअसल, पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) में इस साल 2020 में नियंत्रण रेखा (LOC) पर संघर्ष विराम का इतनी बार उल्लंघन किया है कि बीते 17 सालों में यह सबसे ज्यादा बताया जा रहा है। खास यह है कि पाकिस्तान ने इस साल संघर्ष विराम उल्लंघन की कुल 5,100 घटनाओं को अंजाम दिया, जिनमें 36 लोगों की जान चली गयी और 130 से ज्यादा लोग घायल हो गये।
साल 2003 में शुरू हुआ था संघर्ष विराम समझौता
सुरक्षा अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम का समझौता साल 2003 में शुरू हुआ था, लेकिन पिछले तकरीबन 17 साल में संघर्ष विराम उल्लंघन के सर्वाधिक मामले इस साल आये हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सैनिकों की ओर से बहुत भारी गोलाबारी और गोलीबारी ने 2003 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सीमा संघर्ष विराम समझौते को एक तरह से बेकार कर दिया है।
अग्रिम चौकियों और गांवों को बनाया निशाना
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘पाकिस्तानी सैनिकों ने लोगों के बीच डर पैदा करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति को बाधित करने की मंशा से बार-बार एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर स्थित अग्रिम चौकियों और गांवों को निशाना बनाया।''
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘पाकिस्तानी बलों ने 2020 में 5,100 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया यानी औसतन रोजाना 14 मामले सामने आये।''
24 सुरक्षाकर्मी समेत 36 लोग मारे गये
आंकड़ों के अनुसार संघर्ष विराम उल्लंघन की इन घटनाओं में 24 सुरक्षाकर्मी समेत 36 लोग मारे गये और 130 लोग घायल हो गये। जम्मू क्षेत्र में एलओसी पर इनमें से 15 सैनिक मारे गये। अधिकारियों के अनुसार पाकिस्तानी सेना ने 2019 में भारत-पाक सीमा पर 3,289 बार संघर्ष विराम उल्लंघन किया। इनमें से 1,565 मामले अगस्त 2019 के बाद सामने आये।
2018 में संघर्ष विराम उल्लंघन के 2,936 मामले दर्ज
भारत सरकार ने अगस्त महीने में ही अनुच्छेद 370 को समाप्त किया था। जम्मू कश्मीर में 2018 में संघर्ष विराम उल्लंघन के 2,936 मामले दर्ज किये गये। इस साल संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं की संख्या 2017 की घटनाओं से पांच गुना अधिक है।
उस साल 971 ऐसे मामले सामने आये थे जिनमें 31 लोगों की जान चली गयी थी और 151 घायल हो गये थे। संघर्ष विराम लागू होने से पहले 2002 में पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा गोलाबारी और गोलीबारी की 8,376 घटनाएं सामने आईं।