टॉप बिजनेसमैन ने एक ही दिन में चार बार कराया कोरोना टेस्ट, 2 पॉजिटिव-2 निगेटिव नतीजे

वाशिंगटन डीसी: दुनिया के टॉप अमीरों की लिस्ट में पांचवें नंबर पर शुमार एलन मस्क ने सनसनीखेज खुलासा किया है। उनके मुताबिक मस्क ने एक ही में दिन कोविड-19 के चार बार टेस्ट कराये। जिसमें दो के नतीजे पॉजिटिव आए हैं, वहीं दो नतीजों में वे निगेटिव करार दिये गए हैं। स्पाक्स और टेस्ला जैसी नामी कंपनियों के मालिक के मुताबिक कोरोना वायरस के नाम पर कुछ न कुछ तो गड़बड़ चल रहा है। मस्क ने इस बारे में अपनी राय ट्विटर पर शेयर भी की, 'कुछ बोगस चल रहा है। आज मेरा चार बार कोविड टेस्ट किया गया। दो टेस्ट निगेटिव रहे और दो पॉजिटिव। वही मशीन, वही टेस्ट और वही नर्स। रैपिड एंटीजन टेस्ट फ्रॉम बीडी।'
एलन मस्क कोरोना वायरस को लेकर हाय तौबा को सिरे से खारिज करते हैं। मार्च 2020 में ही मस्क ने उम्मीद जताई थी कि एक महीने में ही कोरोना के सारे मामले अमेरिका से खत्म हो जाएंगे। जबकि ऐसा नहीं हुआ और अमेरिका दुनिया के सबसे अधिक प्रभावित देशों में शामिल है। एलन मस्क के मुताबिक दूसरी लैब्स से भी उनका पॉलीमीरेज चेन रिएक्शन (PCR) टेस्ट हुआ है, जिनकी रिपोर्ट आने में 24 घंटे का समय लगेगा। एलन मस्क के ट्वीट पर लोग जमकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। एक यूजर ने उनसे सवाल किया कि उनमें किस तरह के लक्षण हैं। जिसके जवाब में मस्क ने कहा कि बस सर्दी जुकाम है जिससे वे मामलू तौर पर परेशान हैं। साथ ही शारीरिक तौर पर वे कुछ भी असामान्य महसूस नहीं कर रहे हैं। रॉयटर्स से जारी रिपोर्ट के मुताबिक मस्क ने रैपिड एंटीजन टेस्ट कराए हैं। जिसके नतीजों में आमतौर पर विरोधाभास नजर आता है। रैपिड एंटीजन टेस्ट से जुड़ी कंपनियों ने इस बाबत जांच की बात कही है।
Something extremely bogus is going on. Was tested for covid four times today. Two tests came back negative, two came back positive. Same machine, same test, same nurse. Rapid antigen test from BD.
— Elon Musk (@elonmusk) November 13, 2020
इससे पहले भी कोरोना टेस्ट पर उठ चुके हैं सवाल
एलन मस्क ने जो सवाल किया है कुछ उसी तर्ज पर अमेरिका में पहले भी कई एक्सपर्ट्स सवाल खड़े कर चुके हैं। कुछ महीने पहले nytimes.com में छपी रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस का स्डैंडर्ड टेस्ट उन लोगों को भी पॉजिटिव करार देता है जिनमें तुलनात्मक रूप से बेहद मामूली वायरस मौजूद होते हैं। जबकि ऐसे लोगों में संक्रमण नाम मात्र होने की गुंजाइश होती है।
बता दें कि पूरी दुनिया में Covid 19 की टेस्ट के लिए पीसीआर (Polymerise Chain Reaction) को अधिक भरोसेमंद माना जाता है। हालांकि इस टेस्ट में दिक्कत ये है कि रिपोर्ट में सिर्फ ये जानकारी मिलती है कि शख्स पॉजिटिव है या फिर निगेटिव। जबकि पीसीआर टेस्ट में मरीजों को ये नहीं बताया जाता है कि मरीज कितना अधिक संक्रमित है। या फिर उसके शरीर में वायरस की कितनी अधिक मात्रा है।
दरअसल पीसीआर टेस्ट वायरस के जेनेटिक मैटेरियल को एम्प्लीफाई (बड़ा) करता है। बड़ा करने की प्रक्रिया में जितने कम साइकिल की जरूरत होती है, मरीज में वायरल लोड या वायरस की मात्रा उतनी अधिक मानी जाती है। वायरल लोड अधिक होने का मतलब है कि मरीज में संक्रमण की मात्रा भी अधिक है।