Constitution Day 2020 : ये हैं वो खूबियां, जिन्होंने दुनिया के सबसे लंबे संविधान को बनाया नायाब

कैसी दिखती है मूल प्रति
कितने दिन में हुआ तैयार
लचीला और कठोर प्रावधान
नई दिल्ली : हर साल 26 नवंबर का दिन देश में संविधान दिवस (Constitution Day) के तौर पर मनाया जाता है। 26 नवंबर को राष्ट्रीय कानून दिवस (Natinal Law Day) के रूप में भी जाना जाता है। 26 नवंबर, 1949 को ही देश की संविधान सभा ने वर्तमान संविधान को विधिवत रूप से अपनाया था। हालांकि इसे 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था।
भारतीय संविधान में सभी वर्गो के हितों के मद्देनज़र विस्तृत प्रावधानों को शामिल किया गया है। सर्वोच्च न्यायालय की विभिन्न व्याख्याओं के माध्यम से भी बदलती परिस्थितियों के अनुसार विभिन्न अधिकारों को इसमें सम्मिलित किया गया।
भारतीय संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है। इसके कई हिस्से यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, जर्मनी, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और जापान के संविधान से लिये गये हैं। इसमें देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों, कर्तव्यों, सरकार की भूमिका, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री की शक्तियों का वर्णन किया गया है। विधानपालिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका का क्या काम है, उनकी देश को चलाने में क्या भूमिका है, इन सभी बातों का जिक्र संविधान में है।
कैसी दिखती है मूल प्रति
- 16 इंच चौड़ी है संविधान की मूल प्रति
- 22 इंच लंबे चर्मपत्र शीटों पर लिखी गई है
- 251 पृष्ठ शामिल थे इस पांडुलिपि में
कितने दिन में हुआ तैयार
पूरा संविधान तैयार करने में 2 वर्ष, 11 माह 18 दिन लगे थे। यह 26 नवंबर, 1949 को पूरा हुआ था। 26 जनवरी, 1950 को भारत गणराज्य का यह संविधान लागू हुआ था।
लचीला और कठोर प्रावधान
संविधान के कुछ प्रावधानों को संसद में सामान्य बहुमत से संशोधित किया जा सकता है जबकि कुछ प्रावधानों में बदलाव के लिए संसद में दो-तिहाई बहुमत के साथ कम से कम आधे राज्यों के विधानमंडल की अनुमति भी जरूरी है।
संघीय स्वरूप
संविधान में भारत को 'राज्यों के संघ' के रूप में परिभाषित किया गया है। इसका मतलब है कि भारतीय संघ इसके घटकों के बीच किसी अनुबंध का नतीजा नहीं है और वे इससे बाहर नहीं निकल सकते।
धर्मनिरपेक्षता
शुरुआत में धर्मनिरपेक्षता शब्द संविधान का हिस्सा नहीं था। 42वें संशोधन द्वारा इसे संविधान की प्रस्तावना में जोड़ा गया।
स्वतंत्र न्यायपालिका
अनुच्छेद 76 में न्यायपालिका की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत प्रावधान किए गए हैं। इसका मकसद यह है कि शासन-व्यवस्था संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप हो। न्यायपालिका नागरिकों के मूल अधिकारों और अन्य अधिकारों के संरक्षक के रूप में भी काम करती है।
एकल नागरिकता
भारतीय संविधान ने हमें एकल नागरिकता दी है। अनुच्छेद 5-11 में प्रावधान है कि अलग-अलग राज्यों के निवासियों को अलग से नागरिकता नहीं लेनी होती। न ही किसी अन्य देश का नागरिक होते हुए भारत की नागरिकता हासिल की जा सकती है।
आपातकालीन उपबंध
आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए संविधान में आपातकालीन अधिकारों का प्रावधान किया गया है। सैन्य विद्रोह, विदेशी आक्रमण और राज्यों में संवैधानिक संकट (अनुच्छेद 352-360) के हालात में राष्ट्रपति आपातकालीन अधिकारों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- संविधान की असली कॉपी प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने हाथ से लिखी थी। ये बेहतरीन कैलीग्राफी के जरिए इटैलिक अक्षरों में लिखी गई है। इसके हर पन्ने को शांतिनिकेतन के कलाकारों ने सजाया था।
- संविधान की असली प्रतियां हिंदी और इंग्लिश दो भाषाओं में लिखी गई थीं। इन्हें आज भी भारत की संसद में हीलियम भरे डिब्बों में सुरक्षित रखा गया है।
- 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू किया गया था। इस दिन को भारत गणतंत्र दिवस के रूप में मनाता है।
- हाथ से लिखे हुए संविधान पर 24 जनवरी, 1950 को संविधान सभा के 284 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे जिसमें 15 महिलाएं भी शामिल थीं। दो दिन बाद 26 जनवरी से यह संविधान देश में लागू हो गया था।
- संविधान 25 भागों, 448 अनुच्छेदों और 12 सूचियों में बंटा भारतीय संविधान किसी दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है.
- मूल रूप से भारतीय संविधान में कुल 395 अनुच्छेद (22 भागों में विभाजित) और 8 अनुसूचियाँ थी, किंतु विभिन्न संशोधनों के परिणामस्वरूप वर्तमान में इसमें कुल 470 अनुच्छेद (25 भागों में विभाजित) और 12 अनुसूचियां हैं। संविधान के तीसरे भाग में 6 मौलिक अधिकारों का वर्णन किया गया है।