मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है लाभ पंचमी व्रत, जानें महत्व, पूजन विधि व मुहूर्त

माता लक्ष्मी को प्रिय है लाभ पंचमी का व्रत
लाभ पंचमी व्रत का मुहूर्त व पूजा विधि
दिवाली (Diwali) के बाद लाभ पंचमी का व्रत आता है जो मां लक्ष्मी (Mata Laxmi) को बेहद प्रिय है। माना जाता है कि जो भक्त यह व्रत करता है और पूरे विधि-विधान से मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करता है उससे प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का वरदान देती है। हर वर्ष कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को लाभ पंचमी या लाभ पंचम मनाया जाता है। इसे सौभाग्य पंचमी भी कहा जाता है। इस साल ये पर्व 19 नवंबर, गुरुवार को मनाया जा रहा है।
मां लक्ष्मी की जो पूजा दिवाली से शुरू होती है देखा जाए तो वह लाभ पंचमी तक चलती है। जैसे कि नाम से ही पता चलता है लाभ पंचमी की व्रत-पूजा से भक्त को लाभ ही लाभ होता है और उसके सारे संकट टल जाते हैं। इसीलिए कहा जाता है कि लाभ पंचमी का व्रत अवश्य करना चाहिए।
लाभ पंचमी का महत्व
कहते हैं कि लाभ पंचमी का पूजन करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूर्ण होती है। यह सौभाग्य वर्धन करने वाला दिन माना गया है। इसे केवल लाभ पंचमी ही नहीं बल्कि ज्ञान पंचमी भी कहा जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी के साथ गणेश जी की पूजा भी की जाती है।
लाभ पंचमी का शुभ मुहूर्त
पूजा मुहूर्त/समय- 19 नवंबर, गुरुवार सुबह 6:51 से 10:21 बजे तक
पूजा का कुल समय- 3 घंटे 30 मिनट
लाभ पंचमी पर ऐसे करें पूजा
इस दिन सुबह जल्दी उठ जाएं और प्रात:काल स्नान करें। फिर सूर्यदेव का जल दें। फिर भगवान गणेश और मां लक्ष्मी जी की प्रतिमाओं के समक्ष बैठें। फिर गणपति जी को चंदन, सिंदूर, अक्षत, फूल, दूर्वा आदि अर्पित करें। इसके बाद मां लक्ष्मी को गुलाब अर्पित करें। मां लक्ष्मी को लाल वस्त्र, इत्र, फल आदि भी अर्पित करें।
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भगवान गणेश व मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप विधिवत करें। साथ ही सफेद रंग की मिठाई का भोग लगाएं। इस दिन व्यक्ति को दिनभर व्रत करना होगा। फिर अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत तोड़ें। आप अपने सामर्थ्यनुसार दान करें। सौभाग्य प्राप्ति के लिए इस दिन विवाहित महिलाओं को भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करनी चाहिए।