कुछ ऐसी है बॉलीवुड एक्टर अमरीशपुरी की फैमिली, बेटी हैं कॉस्ट्यूम डिजाइनर तो बेटे करते हैं ये जॉब

बॉलीवुड फिल्मों के फेमस विलेन रहे अमरीश पुरी की आज डेथ एनिवर्सरी है। उनका जन्म 22 जून, 1932 को लाहौर, पंजाब में हुआ था। उनके दो भाई मदन पुरी और चमन पुरी पहले ही इंडस्ट्री में थे। उनके डेथ एनिवर्सरी के मौके पर हम आपको बताने जा रहे उनके परिवार से जुड़ी जानकारी जिसके बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं।

अमरीश पुरी का परिवार पंजाब के नवाशहर से ताल्लुक रखता है। अमरीश पुरी के पिता का नाम लाला निहाल चंद पुरी जबकि उनकी मां का नाम वेद कौर है। पुरी साहब कुल पांच भाई बहन थे। वे अपने माता- पिता की चौथी संतान थे। उनसे बड़े दो भाई चमनपुरी और मदनपुरी थे। जबकि 3 नंबर पर उनकी बहन थी। इनका नाम कांता मेहरा है। इसके बाद अमरीश पुरी हैं। उनके एक छोटे भाई भी हैं जिनका नाम हरीश पुरी है।

कौन थे चमनपुरी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चमनपुरी अमरीश पुरी के सबसे बड़े भाई है। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1914 को हुआ था। चमनपुरी ने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत साल 1938 में आई फिल्म स्ट्रीट सिंगर से की थी। इस फिल्म में उनके चचरे भाई लीड रोल में थे। उन्होंने अपने पूरी फिल्मी करियर 170 से फिल्मों में अभिनय किया। उन्होंने लगभग सात फिल्मों में अपने छोटे भाई मदनपुरी के साथ भी काम किया। जिनमें राम भरोसे, फकीरा, आप बेटी, चोर मचाए शोर, द ट्रेन और हावड़ा ब्रिज शामिल हैं। एक प्रसिद्ध अभिनेता होने के अलावा चमन पुरी बहुत खुले और हंसमुख व्यक्ति भी थे। लोग उसके आसपास रहना पसंद करते थे और उसकी कहानियों और हास्य का आनंद लेते थे। दुर्भाग्य से, उसने 26 जून 1998 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।
चमनपुरी की फैमिली
अगर बात चमनपुरी के परिवार की करें तो इनकी शादी सत्यवती से हुई थी। दोनों की सिर्फ एक ही औलाद है। इनका नाम है अनुप पुरी। वे एक एक्टर और वाइस ओवर आर्टिस्ट हैं। अनुप के तीन बेटे हैं। इनके नाम लाली पुरी, रवीन पुरी और रोहिन पुरी है।

नामचीन विलेन रह चुके हैं मदनपुरी
अब बारी आती है अमरीश पुरी के दूसरे भाई मदन पुरी की जिनका जन्म 30 सितंबर 1915 को हुआ था। मदनपुरी साहब की गिनती बॉलीवुड के नामचीन विलेन के रूप में होती थी। उन्होंने कुल 50 साल साल तक फिल्मों में काम किया। इस दौरान उन्होंने 400 से ज्यादा फिल्मों में रोल किए। मदन साहब एक ऐसे एक्टर थे जिन्होंने ना केवल खलनायिकी बल्कि कॉमेडी और गंभीर रोल में अपने अभिनय का जलवा बिखेरा। इसके अलावा उन्होंने कई पंजाबी फिल्मों में भी काम किए।
मदनपुरी के हैं तीन बेटे
अब बात करते मदन पुरी साहब की फैमिली के बारे में तो इनकी शादी शीला देवी से हुई थी। दोनों के तीन बेटे हैं। बड़े बेटे का नाम प्रवेश पुरी है। वही मझले बेटे का नाम कमलेश पुरी है। इसके बाद उनके छोटे का नाम रमनीश पुरी है। मदनपुरी साहब के बड़े और मझले बेटे आर्मी आफिसर रह चुके हैं।जबिक रमनीश पुरी एक फिल्म डायरेक्टर हैं। मदनपुरी साहब अब इस दुनिया में नहीं है। उनका निधन साल 1985 में दिल का दौरा पड़ने की वजह से हो गया था। वहीं कुछ सालों पहले उनकी पत्नी शीला देवी का भी निधन हो चुका है।

कांता मेहरा
अब बात करते हैं अमरीश पुरी की बहन की जिनका नाम कांता मेहरा है। वैसे इनका पूरा नाम चंद्रकांता मेहरा है। कांता मेहरा की शादी राजेश मेहरा से हुई है। हालांकि इन दिनों को फिल्मी दुनिया से कोई ताल्लुक नहीं है। दोनों की एक संतान है जिनका नाम राकेश मेहरा है।

अमरीश पुरी साहब के पिता नहीं चाहते थे उनके बेटे फिल्मों में काम करे। इसके पीछे की वजह यह थी कि वो फिल्म इंडस्ट्री को पाप का अड्डा मानते थे। हालांकि अमरीश भी अपने अपने पिता के इस विचार से सहमत थे। तब उनकी उम्र महज 14 साल थी। इसी उम्र में अमरीश ने आरएसएस ज्वाइन कर ली थी। वे रोजाना संघ की शाखा में हिस्सा लेने पहुंच जाते थे। इसके बाद से लगातार उनका झुकाव लगातार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की ओर बढ़ता चला गया। इसी बीच महात्मा गांधी की हत्या हो गई। इसके बाद से पुरी साहब ने खुद को संघ के सक्रिय भागीदारी से स्वयं को दूर कर लिया। इस घटनाक्रम के बाद से उनके सोच और विचार में इतना बदलाव हुआ कि वे कॉलेज में नाटकों में काम करना शुरू कर दिया। यहीं से उनके मन में फिल्मों में करियर बनाने की इच्छा जागृत हुई। उन्होंने अपनी पढ़ाई दिल्ली और शिमला से पूरी की।
हीरो बनने के लिए मुंबई पहुंचे अमरीशपुरी
पढ़ाई पूरी करने के बाद वे फिल्मों में करियर बनाने के लिए साल 1953 में मुंबई पहुंच गए। वे फिल्मों में हीरो बनना चाहते थे। हालांकि वे पहले ही स्क्रीन टेस्ट में फेल हो गए थे। फिर उन्होंने इंश्योरेंस कंपनी में लिपिक की नौकरी शुरू की। इसी दौरान उनकी मुलाकात उर्मिला जी से हुई। इसके बाद दोनो ने शादी कर ली। इसके बाद वे अपने पारिवारिक जीवन में व्यस्त हो गए। इसी बीच उनकी मुलाकात अब्राहिक अल्का से हुई जो उस दौर मे थिएटर के पर्याय माने जाते थे। उन्होंने ही अमरीश पुरी को थिएटर में काम करने का ऑफर दिया और अमरीश ने उनके इस आॉफर को स्वीकार करते हुए थिएटर में काम करना शुरू कर दिया। इसके बाद उन्होने साल 1970 में फिल्म में काम करने का मौका मिल गया। अपने 35 साल के फिल्मी करियर में 400 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। 12 जनवरी 2005 को इस महान कलाकार दुनिया को अलविदा कह दिया।

अगर बात इनके परिवार की करें तो अमरीश और उर्मिला दिवेकर को दो संताने है। इनमें एक बेटा और एक बेटी है। बेटे का नाम राजीव पुरी जबकि बेटी का नाम नम्रता पुरी है। दोनों ने फिल्मी दुनिया से इतर अपना करियर चुना। राजीव जहां मर्चेन्ट नेवी में है। राजीव ने मीना पुरी से शादी की है। दोनों के दो बच्चे हैं। इनमें एक बेटा और एक बेटी है। बेटे का नाम हर्षवर्धनपुरी है जो कि फिल्मी दुनिया से ताल्लुक रखते है। वे एक एक्टर और फिल्म डायरेक्टर हैं। वहीं राजीव की बेटी का नाम सांची पुरी है। राजीव की बहन नम्रता पुरी एक कॉस्ट्यूम डिजाइनर हैं। इन्हे सिरिष बागवे से शादी की है।
अंत में बात करते है अमरीश पुरी साहब के किरदारों के बारे में जिनमें उन्होंने जान फूंक कर रख दी। या यूं कहें की विलेन के किरदारों को नया आयाम दिया। पुरी साहब ने एक से बढ़कर एक विलेन के किरदार मिले। इन सभी किरदारों में वे अपने दमदार रोल से दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब हो गए। फिल्म 'अजूबा' में वजीर-ए-आला, 'मि. इंडिया' में मोगैंबो, 'नगीना' में भैरोनाथ, 'तहलका' में जनरल डोंग का किरदार आज भी लोग भुला नहीं पाए हैं।