9 बदमाशों के पास से हैदराबाद पुलिस ने बरामद किये 55 लाख से अधिक चोरी का माल

आरोपियों की दिल्ली में हुई थी एक-दूसरे से पहचान
आरोपी सीसीटीवी कैमरे के डीवीआर करते थे क्षतिग्रस्त
सभी आरोपी करते थे इलेक्ट्रिशियन का काम
हैदराबाद : सीमांत क्षेत्र के गेटेड कम्युनिटी (Gated Communities) क्षेत्रों में सेक्युरिटी गार्ड को पिस्टल (Pistol) नोक पर डरा-धमकाकर चोरियां करनेवाला गिरोह पुलिस के हत्थे चढ़ा। हैदराबाद (Hyderabad) में पिस्टल की नोक पर गिरोह के सदस्य सिक्युरिटी गार्ड के रस्सी से हाथ-पैर बांधते और सीसीटीवी (CCTV) कैमरे के डीवीआर (DVR) क्षतिग्रस्त कर चोरी की घटनाओं को अंजाम देते। स्टोर रूम में मौजूद इलेक्ट्रिक सामग्री (वायर के बंडल, एमसीबी, पैनल बोर्ड) चुरा ले जाते। पुलिस ने वाहन तलाशी अभियान के दौरान दुंडीगल (Dundigal) टोल गेट के निकट उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और राजस्थान (Rajasthan) के 9 आरोपियों के साथ दो रिसीवरों को हिरासत में लिया।
साइबराबाद के पब्लिक सेफ्टी-इंटिग्रेटेड ऑपरेशन एण्ड डाटा सेंटर ने सीसी कैमरे की सहायता से आरोपियों के बोलेरो वाहन के नंबर को कैप्चर किया। उनके मार्गदर्शन पर पुलिस ने दुंडीगल टोल गेट के निकट आरोपियों को धरदबोच कर 55,10,000 मूल्य के वायर के बंडल, इलेक्ट्रिक वायर के बंडल, कॉपर पाइप्स और केबल्स, एमसीबी बॉक्स, बोलेरो वाहन, एक पिस्टल और 11 सेलफोन बरामद किये। सज्जनार ने बुधवार को साइबराबाद क्राइम विभाग के प्रभारी डीसीपी विजयकुमार, शमशाबाद और बालानगर के डीसीपी प्रकाश रेड्डी, एसओटी अतिरिक्त डीसीपी गोने संदीप के साथ गच्चीबावली के साइबराबाद पुलिस आयुक्तालय में सीपी उपरोक्त जानकारी दी।
दिल्ली में हुई थी आरोपियों की एक-दूसरे से पहचान
सीपी ने बताया कि राजस्थान, धौलपुर जिले के प्रदीप कुशवाह, कुलदीप, माधव सिंह, धर्मेंदर सिंह, उत्तर प्रदेश के निहाल सिंह, शैलेंदर सिंह, संजय, धर्मेंदर कुमार और सत्यवान सिंह इलेक्ट्रिशियन का काम करते हैं। दिल्ली में काम करते समय इन सभी के एक-दूसरे के साथ पहचान हुई। सभी दोस्त बन गये। अचल संपत्ति में काफी फायदा है, यह सोचकर 2019 में हैदराबाद आये। मुप्पा कंपनी में दिहाडी मजदूर की तौर पर छह महीने काम किया। प्रदीप कुशवाह को छोड़ अन्य सभी लोग अपने-अपने गांव लौटे। प्रदीप जिस कंपनी में काम करता था, उस कंपनी के सेक्युरिटी गार्ड की आंखों में धूल झोंककर हर रोज वायर के बंडल चुराता था और कम मूल्य पर बेच देता था। इससे मिले पैसे से मौजमस्ती करता था। इस बीच पिछले साल जून में उसने अपने गिरोह के सदस्यों को यहां बुला लिया।
गिरोह के सदस्य डीई कंपनी में काम करते हुये वायर के बंडल चुराये और उसे कोंडापुर में मौजूद राजस्थान के मनीष कुमार की इलेक्ट्रिक दुकान और महबूबनगर के रहनेवाले गोवुला विजय कुमार की स्क्रैप दुकान में बेचे। हजारों रुपये मूल्य के वायर के बंडल केवल 400 रुपये में बेचे। इससे मिले पैसे सभी में बराबर बांट कर अपने-अपने गांव चले गये। इसके बाद प्रदीप ने इस साल उन्हें फिर से 6 जनवरी को यहां बुला लिया।
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फिल्मी स्टाइल में चोरी की घटनाओं को देते थे अंजाम
गिरोह के सदस्य बोलेरो वाहन में रोजगार तलाश का बहाना बनाकर भवन निर्माण के क्षेत्रों शंकरपल्ली, मोकिल्ला, कोंडाकल, नारसिंगी, मल्लमपेट और आरसीपुरम में रेकी करते थे। इस दौरान वे स्टोर रूम और वायर के बंडलों पर नजर रखते थे। उसके बाद देर रात 11:30 से 3 बजे के बीच उन साइटों पर जाकर वायर के बंडल चुराते। गिरोह ने एक सप्ताह के भीतर शंकरपल्ली, आरसीपुरम और दुंडीगल में लगातार चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया और पुलिस को चुनौती दी।
मल्लमपेट के प्रणीत प्रणव लिफ विल्लाज में 9 जनवरी की देर रात चोरी की घटना हुई। इस घटना को लेकर दुंडीगल पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की गई। इस पर बालानगर और शमशाबाद एसओटी इंस्पेक्टरों रमणा रेड्डी और वेंकट रेड्डी, दुंडीगल और मेडचल के इंस्पेक्टर वेंकटेशम और प्रवीण रेड्डी के नेतृत्व में बने दल ने जांच शुरू की। चोरी घटनाओं पर गौर करते हुए आरोपियों द्वारा उपयोग में लाई जा रही बोलेरो वाहन की गतिविधियों को सीसीटीवी कैमरे में स्ट्रेस किया। वाहन नंबर के आधार पर गश्त पैनी कर दी। दुंडीगल टोल प्लाजा के निकट बुधवार की सुबह वाहन तलाशी के दौरान विशेष दल ने बोलेरो वाहन में पिस्टल और वायर के बंडल जब्त किये। प्रदीप कुशवाह, कुलदीप और शैलेंद्र सिंह से पूछताछ के दौरान मिली जानकारी के आधार पर शेष अन्य आरोपियो को नारसिंगी पुलिस थाना क्षेत्र के इंदिरा नगर में धरदबोचा। पुलिस आयुक्त वीसी सज्जनार ने आरोपियों को धरदबोचनेवाले डीसीपी, एसीपी, इंस्पेक्टरों और अन्य कर्मचारियों को नकद रिवार्ड दिया।