निम्मगड्डा का रवैया चर्चा का विषय बन गया, मीडिया के सवालों का नहीं दिया जवाब

अमरावती : आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में पंचायत चुनाव ( Panchayat Election) कराने को लेकर भिन्न राय व्यक्त हो रही है। राज्य चुनाव आयुक्त (SEC) निम्मगड्डा रमेश कुमार (Nimmagadda Ramesh Kumar)राज्य में पंचायत चुनाव करने की तैयारी में है। अध्यापक और कर्मचारी संगठनो की अपील के बावजूद चुनाव आयुक्त ने हाईकोर्ट के फैसले के अनुरूप शनिवार को चुनाव अधिसूचना जारी कर दी है।
इसी क्रम में संवाददाता सम्मेलन में निम्मगड्डा रमेश कुमार द्वारा कोविड को लेकर बरती जा रही संविधानियां चर्चा का मुद्दा बन गई है। बैठक के दौरान चुनाव आयुक्त मास्क पहनने के साथ-साथ ग्लास शील्ड कवर के पीछे बैठकर अधिसूचना से जुड़ी जानकारी दी। यही नहीं, बैठक से पहले पूरे इलाके को सैनिटाइज किया गया।
इस बीच, चुनाव आयुक्त निम्मगड्डा के रवैये को लेकर सरकारी कर्मचारी हैरान है। कर्मचारी पूछ रहे हैं कि संवाददाता सम्मेलन के लिए निम्मगड्डा ने अपनी सुरक्षा के लिए इतनी सारी सावधानियां बरती थी है, तो क्या उन्हें लोगों से जुड़े पंचायत चुनाव के आयोजन में हिस्सा लेने वाले चुनावकर्मी और वोड डालने वाले लोगों के स्वास्थ्य की परवाह नहीं है। वे ये भी पूछ रहे हैं कि क्या जान केवल निम्मागड्डा की है और लोगों की नहीं ? इतने दिन तक शांत रहे निम्मगड्डा का ऐन वैक्सीनेशन के वक्त इतना अडियल रुख अपनाना क्या सही है? कर्मचारियों का कहना है कि चंद्रबाबू के आदेश के मुताबिक काम कर रहे चुनाव आयुक्त को क्या लोगों की चिंता नहीं है ?
मीडिया के सवालों का जवाब दिए बिना ही...
चुनाव प्रक्रिया के संबंध में मीडिया द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब दिए बिना ही चुनाव आयुक्त वहां से चले गए। आधे घंटे तक भाषण देकर मीडिया के संदेहों को दूर किए बिना ही वहां से निकल गए। आमतौर पर केंद्रीय चुनाव आयोग भी अधिसूचना जारी करने के बाद मीडिया के संदेहों को दूर करता है, लेकिन इसके बिल्कुल विपरित निम्मगड्डा लिखकर लाई हुई अपनी स्क्रिप्ट पढ़कर वहां से चले गए। सरकार की दलील की परवाह किए बिना चुनाव आयुक्त मनमाने ढंग से चुनाव कराने की दिशा में अगे बढ़ रहे हैं।
यही नहीं, संवाददाता सम्मेलन के दौरान उन्होंने राज्य पंचायतराज विभाग पर गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पंचायतीराज विभाग को और बेहतर तरीके से काम करना होगा, क्योंकि वह अपने कामों में पूरी तरह विफल हुआ है।
तीन साल तक के बाद अचानक याद आया..
अगस्त 2018 में ही आंध्र प्रदेश में पंचायत चुनाव की अवधि खत्म हो चुकी है। पिछले पांच सालों से राज्य चुनाव आयुक्त रहे निम्मगड्डा ने उस वक्त चुनाव कराए बिना तीन साल गुजार दिए। साल 2019 में वाईएसआर कांग्रेस पार्टीी की सरकार बनने के तुरंत बाद वे स्थानीय निकाय चुनाव कराने के लिए तैयार हो गए। पिछले वर्ष मार्च में राज्य सरकार ने चुनाव आयोग से स्थानीय निकाय चुनाव कराने की अील की थी, लेकिन वोटरों की सूची पूरी नहीं होने का हवाला दिया गया।
कोरोना का बहाने केवल 6 मामले दर्ज होने पर राज्य चुनाव आयोग ने पिछले वर्ष आकस्मिक जिला परिषद के चुनाव स्थगित कर दिए। तीन साल तक चुनाव कराए बिना वक्त जाया कर चुके चुनाव आयोग ने अब अचानक अधिसूचना जारी कर दिया है। कर्मचारी संघों के प्रतिनिधियों का कहना है कि उनकी अपील और वैक्सीनेशन प्रक्रिया की परवाह किए बिना राज्य चुनाव आयोग अडियल रुख अपनाते हुए आगे बढ़ रहा है।