CM जगन ने किया राशन होम डिलिवरी वाहनों का शुभारंभ, एक फरवरी से दिया जाएगा चावल

मुख्यमंत्री ने बेंज सर्कल में राशन डोर डिलीवरी वाहनों को हरी झंडी दिखाये
एपी के अन्य जिलों के लिए आवंटित वाहनों को प्रदेश के मंत्री शुभारंभ करेंगे
विजयवाड़ा: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने गुरुवार को नागरिक आपूर्ति विभाग के लिए नये वाहनों का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को सुबह विजयवाड़ा बेंज सर्कल में कृष्ण, गुंटूर और पश्चिमी गोदावरी जिलों के लिए 2,500 राशन डोर डिलीवरी वाहनों को हरी झंडी दिखाई। प्रदेश के अन्य जिलों के लिए आवंटित वाहनों को प्रदेश के मंत्रियों ने शुभारंभ करेंगे।
आज राज्य भर में कुल 9,260 वाहनों को शुभारंभ किया गया। 1 फरवरी से इन वाहनों के जरिए गुणवत्ता वाले राशन चावल का वितरण किया जाएगा। लाभार्थियों को गुणवत्ता और बेहतर चावल घर जाकर दिये जाने की इस योजना के लिए हर साल 830 करोड़ रुपये अतिरिक्त आवंटित किया जाएगा।
आपको बता दें कि प्रजा संकल्प पदयात्रा के दौरान जन वितरण प्रणाली में कार्डधारकों मुख्य रूप से मजदूर, वृद्ध और विभिन्न रोगों से जूझ रहे लोगों की परेशानियों को देखकर पूरी व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन ले लाने का आश्वासन दे चुके हैं। सरकार कार्डधारकों के घर पर राशन पहुंचाने का निर्णय ले चुकी है और उसी के तहत पहली बार मोबाइल वाहन के जरिए बेहतर गुणवत्ता वाले सोना मसूरी चावल कार्डधारक के घर तक पहुंचाया जाएगा। इसके लिए सरकार सालाना अतिरिक्त 830 करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है।
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बेहतर गुणवत्ता के चावल....
जन वितरण प्रणाली में अब तक कार्डधारकों को आपूर्ति किए जा रहे टूटे (खुद्दी) चावल और बेरंग चावल की मात्रा आधिक होने के कारण ज्यादातर कार्डधारक उनका सेवन नहीं कर रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए जगन सरकार ने राशन कार्डधारक चावल पसंद से खा सके, इसके सोना मसूरी चावल की आपूर्ति करने का निर्णय लिया है। चावल की गुणवत्ता को लेकर लोगों में व्याप्त नाराजगी को दूर करने के उद्देश्य से नागरिक आपूर्ति विभाग पहली बार सोना मसूरी चावल की आपूर्ति करने जा रहा है। इसके लिए चावल संग्रहण प्रक्रिया में आमूल-चूल परिवर्तन करने का निर्णय लिया गया है। किसानों से धान खरीदने के दौरान सोना मसूरी चावल को प्राथमिकता देकर मिलिंग के वक्त खुद्दी और टूटे चावल की मात्रा कम रहने वाले सोना मसूरी सोर्टेक्स चावल का संग्रहण किया जाएगा।
चावल की गुणवत्ता का ब्यौरा---
सोर्टेक्स चावल-इससे पहले नहीं दिया गया-अब 100 फीसदी मिलेगा
खुद्दी-इससे पहले 25 फीसदी-अब 15 फीसदी रहेगी
रेत-मिट्टी-कंकर-इससे पहले 0.5 फीसदी-अब 0 फीसदी रहेगा
खराब चावल-इससे पहले 3 फीसदी-अब 0.75 फीसदी
बेरंग चावल -इससे पहले 3 फीसदी-अब 0.75 फीसदी
भूंसी चावल- इससे पहले 13 फीसदी, अब 10 फीसदी
घर पर होगी राशन की डिलिवरी...
मौजूदा जन वितरण प्रणाली में राशन दुकानों के जरिए खाध्यान्नों की आपूर्ती करने में कुछ दुकानदारों के समय का पालन नहीं करने, खाध्यन्नों का सही आपूर्ति नहीं होने, खाध्यान्नों की कालाबाजारी आदि की वजह से राशन कार्डधारकों को हो रही परेशानियों को ध्यान में रखकर उनके सुविधार्थ मुख्य रूप से वृद्धों, रोगियों व मजदूरों के लिए सरकार ने रोजमर्रा की चीजें मोबाइल वाहनों के जरिए उनके घर तक पहुंचाने का कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है।
इससे पहले रोजमर्रा की चीजों के लिए घंटों तक कतारों में इंतजार करने के कारण मजदूरों का पूरा दिन बरबाद होता था। परंतु अब कार्डधारकों को उनके घर तक रोजमर्रा की चीजों की आपूर्ति की जाएगी ताकि मजदूरों की रोजीरोटी प्रभावित न हो और उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो। अब तक राशन की दुकानों के जरिए रोजमर्रा की वस्तुओं की आपूर्ति करने से उनके वजन में कमी की शिकायतें आती थीं, लेकिन अब कार्डधारकों की मौजूदगी में चावल जैसी रोजमर्रा की वस्तुओं की बोरियां खोलकर सुनिश्चित वजन के साथ आपूर्ति की जाएगी।
वालेंटियर व्यवस्था का इस्तेमाल कर कार्डधारकों के घर पर उनकी अंगुलियों के निशान लेकर चावल सहित अन्य सामग्री बोरियों के जरिए आपूर्ति की जाएगी और ये बोरियों में रिसाइक्लिंग की सुविधा रहेगी। पहली बार ये बोरियां मुफ्त में दी जाएंगी। मिलावट से बचने के लिए हर चावल की बोरी सील रहेगी और हर बोरी को यूनिक कोड होने से उसका ऑनलाइन ट्रैकिंग की जाएगी।
मोबाइल वाहनों में जीपीएस लगे होने से कार्डधारक मोबाइल ऐप के जरिए वितरण से जुड़ी जानकारी रियल टाइम में हासिल कर सकेंगे। यही नहीं, मोबाइल वाहन को हर महीने औसतन 18 दिन तक कार्डधारकों के सुविधार्थ सामग्री की आपूर्ति करनी होती है। प्रति दिन औसतन 90 कार्डधारकों से अधिक लोगों को राशन की सामग्री पहुंचानी होगी और इसकी सोशल पर ऑडिट होगी। इलेक्ट्रानिक वेटिंग मशीन से राशन की चीजें तोली जाएंगी।
मोबाइल वाहन.....
चावल सहित अन्य रोजमर्रा की वस्तुएं कार्डधारकों के घर तक पहुंचाने के लिए 539 करोड़ रुपए की लागत से 9,260 मोबाइल वाहन खरीदे गए हैं। सरकार ने ये वाहन बेरोजगार युवाओं को रोजगार गारंटी योजना के तहत विभिन्न निगमों के जरिए 60 फीसदी सब्सिडी पर मुहैया कराया है और एक वाहन की कीमत 5,81,000 रुपए हैं, जिसमें 60 फीसदी मतलब हर वाहन पर 3,48,600 रुपए की सब्सिडी विभिन्न कल्याण निगमों से मुहैया कराई जाएगी। नागरिक आपूर्ति निगम हर महीने किराया देकर छह साल तक इन वाहनों का इस्तेमाल करेगा।
एसटी कार्पोरेशन-700 वाहन
एससी कार्पोरेशन-2,300
बीसी कार्पोरेशन-3,800
अल्पसंख्यक कार्पोरेशन-660
ईडब्ल्यू, ईबी कार्पोरेशन-1,800
कुल मोबाइल वाहन -9.260
चावल के कार्ड
राशन कार्ड हासिल करने के लिए अब तक कोई उचित नीति नहीं होने से लोगों को नए कार्ड के लिए कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते थे। राज्य की जगन सरकार ने कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाने के लिए ग्राम और वार्ड सचिवालयों में 5 तरह के चावल कार्ड से संबंधित सेवाएं मुहैया कराई है। इससे अब सिर्फ 10 दिन के भीतर योग्य लाभार्थियों को चावल के कार्ड दिए जाएंगे।
5 तरह के चावल कार्ड से संबंधित सेवाएं...
1. नया राइस कार्ड
2. राइस कार्ड विभाजन
3. राइस कार्ड में सदस्यों का एनरोलमेंट
4. राइस कार्ड से सदस्यों को हटाना
5. राइस कार्ड सरेंडर करना
जून 2020 से अब तक दिए गए राशन कार्ड का ब्यौरा
नए चावल कार्ड-4,93,422
नये चावल कार्ड में सदस्य शामिल-17,07,928
नये चावल कार्ड का विभाजन-4,38,013
कुल -26,39,363