आंध्र प्रदेश में विकास बनाम सांप्रदायिक राजनीति की विपक्षी पार्टियों की तैयारी

तिरुपति : आंध्र प्रदेश की कल्याणकारी सरकार को बदनाम करने और उसपर से लोगों को ध्यान भटकाने के लिए विपक्षी दल तरह-तरह के हथकंडे आपना रहे हैं । राजनीतिक जानकारों का कहना है कि विपक्षी दल धर्म की आड़ में सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार करने की कोशिश कर रहे हैं। मंदिरों पर हमलों की झूठी खबरें फैलाते हुए जरूरत से ज्यादा प्रचार कर रहे हैं।
इसी के तहत तिरुपति लोकसभा उपचुनाव का शेड्यूल जारी होने से पहले ही तेलुगु देशम पार्टी (TDP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता जगन सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार की तैयारी में जुट गई हैं। भाजपा जहां 4 फरवरी से कपिलतीर्थम टू रामतीर्थम यात्रा की घोषणा कर चुकी है, वहीं अपने शासनकाल में सैकड़ों मंदिर गिराने की बात भूलाकर टीडीपी प्रमुख नारा चंद्रबाबू 10 दिन तक 10 दिवसीय धर्मपरिरक्षण यात्रा (धर्म संरक्षण यात्रा) का आह्वान किया है।
टीडीपी की यह यात्रा 21 जनवरी से तिरुपति लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत 700 गांवों में आयोजित की जाएगी। बुधवार को तिरुपति में आयोजित एक बैठक में टीडीपी प्रदेश अध्यक्ष अच्चेन्नायडू ने अपने कार्यकर्ताओं को इस यात्रा में बड़ी संख्या में हिस्सा लेने का निर्देश दिया है।
धर्म की राजनीति से प्रेरित है ये यात्रा
जानकारों की मानें तो राज्य के लोगों को जगन सरकार के खिलाफ भड़काने के इरादे से धर्म की राजनीति कर रहे हैं। टीडीपी, भाजपा और जनसेना पार्टियां खुद को YSRCP कीअसली प्रतिद्वंद्वि साबित करने की कोशिश में जुटी हैं। इसी क्रम में तीनों पार्टियां हिन्दुत्व के नाम पर लोगों का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रही हैं। जानकारों की मानें तो तिरुपति उपचुनाव विभिन्न पार्टियों का भविष्य तय करेंगे। इसीलिए दोनों विपक्षी दल राजनीतिक तीर्थयात्रा निकालने की तैयारी में हैं।
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