पूंजी निवेश में आंध्र प्रदेश नंबर वन बनने की तैयारी में, जानिए CM जगन मोहन की प्राथमिकता

निवेश के मामले में आंध्र प्रदेश नंबर 2
CM जगन के नेतृत्व में व्यापक निवेश नीति पर काम
विजयवाड़ा: आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में निजी पूंजी निवेश (Capital Investment) को लेकर मुख्यमंत्री YS जगन मोहन रेड्डी (YS Jagan Mohan Reddy) के प्रयासों की सफलता दिखने लगी है। बीते साल अक्टूबर से लेकर दिसंबर 2020 के आंकड़ों पर गौर करें तो आंध्र प्रदेश पूंजी निवेश के मामले में देश में दूसरे नंबर पर है। हाल के दिनों में जिस तरह से मुख्यमंत्री YS जगन मोहन रेड्डी ने इन्वेस्टमेंट को प्रोत्साहन दिया है। उससे लगता है कि वो दिन दूर नहीं जब आंध्र पूंजी निवेश के मामले में देश में अव्वल राज्य के तौर पर स्थापित होगा। बीते साल अंतिम तिमाही में आंध्र प्रदेश में 29,784 करोड़ का पूंजी निवेश हुआ है। निवेश के मामले में आंध्र प्रदेश महज महाराष्ट्र से पीछे हैं। माना जा रहा है जो सरकार की नीतियां हैं, अगर वो इसी तरह जारी रहती है तो आने वाले समय में आंध्र प्रदेश पूंजी निवेश के मामले में देश में अव्वल होगा।
पूर्ववर्ती चंद्रबाबू नायडू सरकार के जमाने में निवेश की तुलना में मौजूदा जगन मोहन रेड्डी सरकार की ये बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। निवेश के नाम पर ढिंढोरा पीटने वाले चंद्रबाबू नायडू ने साल 2016 में 328 समझौतों (MOU) पर हस्ताक्षर किये थे। इसके बाद साल 2017 में 425 निवेश अनुबंधों पर हस्ताक्षर किये गए। मजे की बात ये कि राज्य में 4 से 6 लाख करोड़ रुपए निवेश का दावा किया गया था। जबकि वास्तविकता ये रही कि घोषित निवेश का मात्र 1-2 प्रतिशत ही वास्तविक इन्वेस्टमेंट हो सका। आंकड़े बताते हैं कि चंद्रबाबू के जमाने में महज 2,776 करोड़ रुपए का निवेश बमुश्किल हो पाया। जबकि इन्वेस्टमेंट प्लान के नाम पर तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रबाबू दुनियाभर की खाक छानते फिरते रहे थे। साथ ही लाखों करोड़ निवेश के झूठे दावे जनता के सामने करते रहे।
CM जगन ने बनाई निवेश की व्यापक योजना
आंध्र प्रदेश में YS जगन मोहन रेड्डी की सरकार के सत्ता में आते ही निवेश को लेकर अनुकूल माहौल बनाने पर जोर दिया गया। हवाबाजी की बजाय सरकार की कोशिश है कि इंवेस्टर्स को ऐसा माहौल सुनिश्चित किया जाय ताकि वे खुद ही राज्य में निवेश की इच्छा जाहिर करें। मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने पूंजी निवेश को लेकर व्यापक योजना बनाई। अलग अलग सेक्टर्स में निवेशकों की सुविधा के मुताबिक नियमों को सरल किया गया। साथ ही आधारभूत संरचना के निर्माण पर जोर दिया गया।
आंध्र प्रदेश में पूंजी निवेश का माहौल
भारत का आठवां सबसे बड़ा राज्य आंध्र प्रदेश प्राकृतिक संसाधनों और खनिज संपदा से परिपूर्ण है। राज्य का 974 किलोमीटर हिस्सा समुद्री किनारे से जुड़ा है। लिहाजा आंध्र में समुद्री पत्तन से जुड़े व्यापार की असीम संभावनाएं हैं। मानव संसाधन की बात करें तो राज्य में अंग्रेजी बोलने वालों की अच्छी खासी तादाद है। जो विभिन्न योग्यताओं के अलावा तकनीकी जानकारियों से भी लैस हैं। आंध्र प्रदेश में जापान और सिंगापुर की दर्जनों कंपनियों ने बड़ा पूंजी निवेश किया है। जानकारों का मानना है कि अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण आंध्र प्रदेश भारत में निवेश का द्वार हो सकता है। यहां व्यवसाय के लिहाज से हर तरह के संसाधनों की प्रचुरता है।
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में 'इकोनॉमिक डेवलपमेंट बोर्ड' का गठन
राज्य में निवेश के लिए बेहतर माहौल बनाने की खातिर मुख्यमंत्री YS जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व में इकोनॉमिक डेवलपमेंट बोर्ड (Economic Development Board) का गठन किया गया है। जिसका मकसद पूंजी निवेश के जरिये राज्य का समेकित विकास करना है। बोर्ड का मकसद राज्य के आर्थिक विकास के लिए उचित निवेश माहौल व प्रतिस्पर्धी संभावनाएं तैयार करना है। वास्तव में राज्य में निवेश के लिए इकोनॉमिक डेवलमेंट बोर्ड एकल द्वार है, जहां सीधे तौर पर पूंजी निवेश के लिए संपर्क किया जा सकता है। इकोनॉमिक डेवलमेंट बोर्ड राज्य में निवेश की रणनीति के साथ योजनाएं भी बनाता है। साथ ही इन्वेस्टर्स से बातचीत की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की अहम भूमिका निभाता है। निजी या फिर सार्वजनिक निवेश के लिए जरूरी संसाधनों को मुहैया कराने की दिशा में भी बोर्ड की अहम भूमिका होती है। इसके अलावा निवेश के लिए जरूरी विभागीय मंजूरी के लिए समन्वय स्थापित करना भी बोर्ड की जिम्मेदारियों में शामिल है।