लोकसभा में प्रदूषण पर चर्चा करने मास्क पहनकर पहुंचीं TMC सांसद, जानिए क्या कहा..

नई दिल्ली : संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को लोकसभा में प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन पर गंभीर चर्चा हो रही है। तृणमूल कांग्रेस सांसद डॉ. काकोली घोष दास्तीदार लोकसभा में प्रदूषण पर चर्चा करने के लिए मास्क पहनकर पहुंची। हालांकि कुछ लोगों द्वारा कॉमेंट के बाद उन्होंने मास्क हटा दिया।
तृणमूल सांसद ने कहा, 'जब हमारे पास 'स्वच्छ भारत मिशन' है, तो क्या हमारे पास 'स्वच्छ हवा मिशन' नहीं हो सकता है? क्या हमें स्वच्छ हवा में सांस लेने का अधिकार सुनिश्चित नहीं किया जाना चाहिए?'
Kakoli Ghosh Dastidar, TMC, in Lok Sabha: When we have a 'Swachh Bharat mission', can't we have a 'Swachh hawa mission'? Shouldn't we be ensured the right to breath clean air?...In Delhi we might be staring at a situation of mass asphyxia. https://t.co/3WiZJ0sXwt — ANI (@ANI) November 19, 2019
उन्होंने कहा कि दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में से 9 भारत में हैं। भारत दौरे पर आए एक प्रधानमंत्री ने प्रदूषण को लेकर प्रतिकूल टिप्पणी की, जो काफी हतोत्साहित करने वाला है। हमें एक—दूसरे पर आरोप लगाने के बजाय मिलकर समस्या का हल खोजना चाहिए। यह हमारे देश, बच्चों और भविष्य का सवाल है।
काकोली घोष दस्तीदार ने कहा कि प्रदूषण बढ़ने के कई कारणों में से एक कारण लोगों का अशिक्षित होना भी है क्योंकि उन्हें पता ही नहीं होता कि उन्हें क्या नहीं करना चाहिए। इसके बाद वे पराली जलाते हैं।
इससे पहले कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने इस चर्चा में भाग लेते हुए अपना पक्ष रखा। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस समस्या से निपटने के लिए 1981 में बने 'एयर एक्ट' को मजबूत करने की जरूरत है। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि जनवरी 2018 में सरकार ने 'नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम' की घोषणा की थी। इस कार्यक्रम का उद्देश्य तो अच्छा है, लेकिन बजट सिर्फ 300 करोड़ रुपये है। उन्होंने सवाल पूछा कि महज 300 करोड़ में देश की हवा कैसे साफ होगी।
Congress leader Manish Tewari in Lok Sabha: Just like there are standing committees such as Committee on Public Undertakings and Estimates Committee, there should be a committee to look into pollution and climate change. pic.twitter.com/paXdESgqC7 — ANI (@ANI) November 19, 2019
उन्होंने कहा कि एक्शन प्लान को पूरी तरह से फंडिंग की रणनीति भी सामने रखनी चाहिए। साथ ही सदन की स्थायी समिति बननी चाहिए। आनंदपुर साहिब से सांसद मनीष तिवारी ने कहा, 'जब दिल्ली में हर साल प्रदूषण का मुद्दा सामने आता है, तो ऐसा क्यों है कि इस पर सरकार और इस सदन से कोई आवाज नहीं उठती है?' उन्होंने कहा कि लोगों को इस मुद्दे पर हर साल सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे खटखटाने की जरूरत क्यों है? यह गंभीर चिंता का विषय है।'
इसके अलावा ओडिशा से बीजद सांसद पिनाकी मिश्रा ने भी कहा कि पराली के जलने से प्रदूषण होता है लेकिन सिर्फ यही अकेला कारण नहीं है। हमें इसके अन्य कारणों पर ध्यान देना होगा। पिनाकी मिश्रा ने कहा कि प्रदूषण से निपटने के लिए हमें चीन की तरह कुछ कड़े कदम उठाने होंगे। इन कदमों से हमें थोड़ा नुकसान हो सकता है लेकिन प्रदूषण से राहत पाने के लिए ऐसा करना जरूरी है।