क्या चिन्मयानंद को बचा रही है CM योगी की पुलिस, SIT पर पीड़िता का गंभीर आरोप

लखनऊ: स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ रेप के लगे आरोपों पर अब यूपी पुलिस घेरे में है। सरकार ने आनन फानन ने एसआईटी का गठन तो कर दिया। लेकिन इस मामले में अभी तक चिन्मयानंद के खिलाफ पुलिस ने मामला तक दर्ज नहीं किया है। ऐसे में चिन्मयानंद की गिरफ्तारी तो दूर की कौड़ी है।
इससे पहले उन्नाव केस मामले में पीड़िता को खुदकुशी तक का प्रयास करना पड़ा तब जाकर विधायक के खिलाफ मामला दर्ज हो चुका था। बीजेपी लाख दावा कर रही है कि चिन्मयानंद का यूपी की योगी सरकार बचाव नहीं कर रही है। वहीं पुलिस का रवैया देखकर साफ लगता है कि पूरा महकमा कहीं न कहीं दबाव में काम कर रहा है।
हालात ये है कि खुद पीड़िता ने एसआईटी पर सवाल खड़ा किया है। साथ ही चिन्मयानंद की गिरफ्तारी नहीं करने को लेकर आरोप लगाए हैं। फिलहाल चिन्मयानंद अस्पताल में हैं।
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शाहजहांपुर की कथित रेप पीड़िता ने आरोप लगाया कि क्या सरकार चाहती है कि वो भी खुदकुशी कर ले। तभी उसके आरोपों की पुष्टि हो पाएगी। बता दें कि इससे पहले उन्नाव रेप पीड़िता के पिता और परिवार के अन्य लोगों की हत्या की गई थी। साथ ही खुद रेप पीड़िता पर भी हमले किए थे। ऐसे में शाहजहांपुर की पीड़िता भी पूर्व की घटनाओं से डरी हुई हैं।
इससे पहले यूपी पुलिस की एसआईटी ने चिन्मयानंद पर जांच को लेकर मीडिया ब्रीफिंग की। इस दौरान पत्रकारों ने तीखे सवाल किए...जिनको लेकर पुलिस अधिकारी का एक ही जवाब था...धैर्य रखिए ..हर पहलू पर जांच हो रही है। गिरफ्तारी कब होगी, इस पर तो अधिकारी महोदय कुछ नहीं बोल रहे थे। हां इतना जरूर ज्ञान बांटा कि केस का मीडिया ट्रायल न हो। ऐसे बहुतेरे मामले आए। जिसमें मीडिया ट्रायल के दबाव में ही पुलिस ने वीआईपीज के खिलाफ कार्रवाई की। जबकि चिन्मयानंद मामले में यूपी की एसआईटी के आलाधिकारी किसी नेता की ही तरह दलीलें दे रहे हैं। इस बीच पीड़ित लड़की ने एसआईटी की नीयत को लेकर ही सवाल उठाया। पीड़िता का बड़ा सवाल है कि गंभीर साक्ष्यों के बावजूद चिन्मयानंद को गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा है। इधर एसआईटी के मुखिया उल्टे मीडिया को धमका रहे हैं कि वे प्रेस कौंसिल आफ इंडिया में कवरेज को लेकर शिकाय करेंगे। लगता है साहब को चिन्मयानंद के ऊपर चल रही खबरें पसंद नहीं आ रही है।