स्पीकर के इस्तीफे स्वीकार न करने 5 बागी MLA ने किया SC का रूख

बेंगलुरू : कर्नाटक में छाए सियासी संकट के बीच नया मोड़ आ गया है। दरअसल 5 बागी विधायक जिन्होंने इस्तीफा दे दिया था अब वे सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। उन्होंने अर्जी दी है कि उनका इस्तीफा मंजूर किया जाय। उधर इस पूरे मामले में संकटमोचक की भूमिका में लगे डीके शिवकुमार बागी विधायको में सबसे प्रभावशाली विधायक से बातचीत कर मामले को सुलझाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं।
दूसरी ओर एमटीबी नागराज ने मीडिया से कहा है कि वह वह अपने इस्तीफे को लेकर पुर्नविचार कर रहे हैं साथ ही वे एक अन्य विधायक के सुधार को भी समझाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
नागराज ने कहा कि “डीके शिवकुमार, उप मुख्यमंत्री जी परमेस्वर, ग्रामीण विकास मंत्री कृष्णा बृजगौड़ा ने मेरे घर का दौरा किया, वे सभी मेरे नेता हैं। मैंने कुछ मतभेदों के कारण अपना इस्तीफा दे दिया। लेकिन इन नेताओं ने मुझे इस्तीफे पर पुनर्विचार करने के लिए कहा क्योंकि मैं 40 साल से कांग्रेस में हूं। पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने भी मुझसे बात की है। मैंने उन्हें कुछ समय देने के लिए कहा क्योंकि मुझे सुधाकर के साथ इस बारे में चर्चा करनी है, जिन्होंने मेरे साथ इस्तीफा दे दिया। मैंने नेताओं से कहा कि मैं उन्हें चर्चा के लिए भी लाऊंगा।
देश के सबसे अमीर विधायकों में से एक, नागराज ने कहा, “मैं पार्टी में वापस रहने की कोशिश कर रहा हूं। कोई राजनीतिक दल नहीं है जहां कोई मतभेद नहीं हैं। ”
DK Shivakumar, Congress: We should live together and die together because we have worked for 40 years for the party, there are ups and downs in every family. We should forget everything and move forward. Happy that MTB Nagaraj(rebel MLA) has assured us he will stay with us pic.twitter.com/hTd2L4rO2J — ANI (@ANI) July 13, 2019
इसे भी पढ़ें :
कर्नाटक में फिर शुरू हुई ‘रिजॉर्ट की राजनीति’, विधायकों का इस तरह से रखा जा रहा है खयाल
कर्नाटक ड्रामे पर पहली बार बोले राहुल गांधी, जानिए क्या कहा
न्यूज एजेंसी एएनआई शिवकुमार जो इस्तीफा देने के बाद पार्टी के बागी विधायकों से मिलने में असफल रहे और पिछले सप्ताह मुंबई गए थे। उन्हें खुशी हुई कि शनिवार को नागराज के साथ उनकी बैठक ने पार्टी को बागी विधायकों को लेकर अभी सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि “हमें एक साथ रहना चाहिए और एक साथ मरना चाहिए, क्योंकि हमने पार्टी के लिए 40 वर्षों तक काम किया है, हर परिवार में उतार-चढ़ाव आते हैं। हमें सब कुछ भूलकर आगे बढ़ना चाहिए। मुझे खुशी है कि नागराज ने हमें आश्वासन दिया है कि वह हमारे साथ रहेगा।”
बता दें कि वैसे तो शुक्रवार को ही इस पूरे मामले को सुलझाने की शुरुआत रंग लाती दिखी थी। दरअसल स्पीकर और सुप्रीम कोर्ट द्वारा विधायकों के इस्तीफे पर कार्रवाई स्पीकर के आर रमेश कुमार द्वारा कार्रवाई नहीं करने का आदेश देने के बाद पूरे संकट से राहत मिलती दिखी थी। इसके बाद कुमार स्वामी ने सदन में ही विश्वासमत कराने को लकेर हामी भरी थी। उन्होंने कहा था कि वह इसके लिए तैयार है। हलांकि स्पीकर ने सुझाव दिया है कि मुख्यमंत्री सोमवार को फिर से मामला सामने लाएंगे क्योंकि विपक्षी नेता बीएस येदियुरप्पा मौजूद नहीं थे।