वास्तुशास्त्र: जानें घर में कहां और कैसे रखें जूते-चप्पल, सकारात्मक ऊर्जा के साथ होगा लक्ष्मी का वास

हमारे जीवन में वास्तुशास्त्र का बड़ा महत्व है। जहां एकतरफ आधुनिकता का बोलबाला है वहीं दूसरी तरफ आजकल वास्तु व फेंगशुई को भी लोग काफी मानने लगे हैं। वास्तुशास्त्र तो प्राचीनकाल से चला आ रहा है और इसकी कई बातें तो तर्कसम्मत भी होती है जिन्हें नकारा नहीं जा सकता। इसीलिए आजकल तो घर व फ्लैट भी वास्तु अनुसार ही बनाए जा रहे हैं।
तो वास्तु कई बातों पर लागू होता है और उसे मानने से फायदा हमें ही होता है। अगर वास्तु को न माना जाए तो कई तरह के नुकसान भी हो सकते हैं। वहीं हम देखते हैं कि अक्सर कई लोग अपने जूते चप्पल घर की देहरी पर ही उतार देते हैं या फिर घर के अंदर तक लेकर चले जाते हैं।
वे यह नहीं जानते कि ऐसा करना न केवल वास्तु शास्त्र के हिसाब से गलत है वहीं ज्योतिष शास्त्र में भी घर में शुद्धता रखने की बात कही गई है। घर जितना शुद्ध रहेगा उतना ही घर में लक्ष्मी का वास बना रहेगा। इसीलिए जहां तक हो सके घर को शुद्ध रखने के उपाय ही करना चाहिए।
वास्तु शास्त्र में ऐसी कई बातें बताई गई है जिनके माध्यम से घरेलू समस्याओं का समाधान आसानी से कर सकते हैं। इसके लिए आपको कुछ वास्तु नियमों का पालन करना होगा। जिससे आपके घर में प्रवेश होने वाली नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी और आपके घर में सुख-शांति बनी रहेगी।
जूते-चप्पल से संबंधित कुछ ऐसी बातें हैं, जिनका ध्यान न रखने पर बहुत सारी अनचाही समस्याओं से हमें रूबरू होना पड़ता है।
आइये यहां जानते हैं जूते-चप्पल के बारे में वास्तु शास्त्र क्या कुछ कहता है ....
- सबसे पहले तो आपको यहां यह जानना चाहिए कि हमारे दैनिक उपयोग में आने वाले जूते-चप्पल को एक व्यवस्थित ढंग से, उचित स्थान पर हमेशा पश्चिम की ओर ही रखना चाहिए।
- वास्तु के अनुसार जो जूते चप्पल उपयोग के न हों उन्हें घर में ना रखें उन्हें किसी गरीब को दे दें। पुराने जूते चप्पल रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और आपके घर से समस्याएं जाने का नाम ही नहीं लेती। पुराने जूते चप्पल घर से निकालने पर शनि देव का प्रकोप भी कम होता है ।
- हमें यह जानना चाहिए कि परिवार के अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि घर में पूरी तरह साफ-सफाई रहे, गंदगी न हो, धूल-मिट्टी भी न हो। गंदगी के कारण हमारे स्वास्थ्य को तो नुकसान होता ही है साथ ही इससे हमारी आर्थिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
- बाहर से आते समय घर के दरवाजे पर ही जूते-चप्पल उतार दें। इससे बाहरी गंदगी और धूल घर में नहीं आती। घर भी साफ -सुथरा रहता है।
- घर में जूते रखने के लिए एक स्थान रखें जहां पर परिवार के सभी सदस्य सलीके से अपने जूते पहनें और उतारें। जिन लोगों के घर में जूते इधर-उधर बिखरे रहते हैं, वहां शनि की अशुभता का प्रभाव रहता है।
शनि को पैरों का कारक माना गया है इसलिए पैरों से सम्बद्ध रखने वाली किसी भी वस्तु को साफ़-सुथरा और यथाक्रम रखना चाहिए।
- किसी से जूते गिफ्ट में न लें अन्यथा उसका अभाग्य आपके भाग्य का नाश कर देगा।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार जिस घर में गंदगी रहती है वहां कई प्रकार की आर्थिक हानि होती हैं और हमेशा पैसों की तंगी बनी रहती है।
- काफी लोग घर में जूते-चप्पल पहनते हैं जबकि शास्त्रों के अनुसार घर में नंगे पैर ही रहना चाहिए क्योंकि घर में कई स्थान देवी-देवताओं से संबंधित होते हैं उनके आसपास जूते-चप्पल लेकर जाना शुभ नहीं माना जाता।
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- यदि घर की देहरी पर जूते चप्पल रखे जाते हैं तो न केवल घर का वातावरण अशुद्ध रहेगा बल्कि ऐसे घर में लक्ष्मी का आगमन भी नहीं होगा। ऐसे लोगों को आर्थिक संकट का सामना भी करना पड़ सकता है।
-जूते चप्पल के लिये आप अपने घर की देहरी के थोड़ी दूर या आंगन में शू रैक रख सकते हैं। मान्यता है कि देहरी को जितना पवित्र रखा जायेगा उतनी ही घर में बरकत होने के साथ लक्ष्मी का आगमन भी बना रहेगा।
- जूते-चप्पलों को घर के बाहर या घर के अंदर ऐसे स्थान पर रखना चाहिए जहां से गंदगी पूरे घर में न फैले। घर के बाहर भी जूते-चप्पलों को व्यवस्थित ढंग से ही रखा जाना चाहिए।
- बेतरतीब रखे गए जूते-चप्पल वास्तु दोष उत्पन्न करते हैं। अत: इससे बचना चाहिए। यदि घर में चप्पल पहनना ही पड़े तो घर के अंदर की चप्पल दूसरी रखें, जिसे बाहर पहनकर न जाएं।
इसके अलावा गलत तरह के जूते पहनने से भी वास्तुदोष हो सकता है। वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि हमारे जीवन से जुड़ी हर चीज का सम्बन्ध किसी न किसी ग्रह से होता है, ऐसे ही जूते भी आपके करियर और धन पर कई प्रकार से असर डाल सकते हैं।
- टूटे-फूटे जूते-चप्पल नहीं पहनने चाहिए, अभाग्य बढ़ता है। साफ-सुथरे और सुंदर फुटवियर पहनने से गुडलक हमेशा साथ रहता है।
- सीढ़ी के नीचे जूते-चप्पल एवं घर का बेकार सामान नहीं रखें।
- वास्तुशास्त्र में बताया गया है कि कभी भी गिफ्ट में मिले हुए जूतों को नहीं पहनना चाहिए। गिफ्ट में मिले जूतों को पहनने से करियर पर गलत असर पड़ता है।
- कभी-कभी पैसे ना होने के कारण कई लोग फटे हुए जूते ही पहनकर बाहर चले जाते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार फटे हुए जूते पहनकर बाहर जाने से करियर में मिल रही सफलता असफलता में बदल जाती है।
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जानें वास्तु के अनुसार घर में कहां होना चाहिए पूजा घर, इन बातों पर ध्यान जरूर दें
- कभी भी जूते व चप्पल चुराकर भी न पहनें, इससे शनिदेव कुपित हो जाते हैं।
अक्सर जब कभी मंदिर में अपने चप्पलों की चोरी हो जाती है तो लोग दूसरों की चप्पल पहनकर निकल जाते हैं। जबकि ऐसा करना बिलकुल गलत है। ऐसा करके आप दूसरों का अभाग्य अपने साथ ले जाते हैं।
- कभी भी शनिवार को जूते चप्पल नहीं खरीदने चाहिये।
- शनि खराब चल रहा है तो शनिवार को शनि मंदिर में जूते चप्पल किसी जरूरतमंद को दान करें।
-जूते चप्पल का चोरी होना शुभ संकेत होता है।
- शादी में अगर रुकावट आ रही है तो शादी की बात में बिना चप्पल के बैठें।
- जूते पहनकर मन्दिर में ना जायें तथा मोजे पहनकर भी मंदिर में नहीं जाना चाहिये।
- जूते-चप्पल पहनकर कभी भी भोजन नहीं करना चाहिए। इससे दुर्भाग्य में वृद्धि होती है।