कार्तिक पूर्णिमा के पावन दिन का बड़ा महत्व है। इसी दिन गुरु नानक देव जी की जयंती मनाई जाती है जिसे प्रकाश पर्व भी कहते हैं। इस बार गुरु नानक देव जी का 550 वां प्रकाश पर्व है और इसे धूमधाम से मनाने की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं।
इस बार 12 नवंबर 2019 मंगलवार को कार्तिक पूर्णिमा के दिन श्री गुरु नानक देव साहिब का प्रकाशोत्सव मनाया जाएगा। गुरु नानक देव का प्रकाशोत्सव पर्व पवित्र भावनाओं के साथ मनाया जाने वाला उत्सव है।
आइये यहां जानते हैं कि प्रकाशोत्सव के दिन किस तरह से परंपराओं का निर्वाह किया जाए, कैसे इस उत्सव को श्रद्धा व सद्भाव के साथ मनाया जाए ...
जानें प्रकाश पर्व के दिन प्रभात बेला में क्या करें
- गुरु नानक देवजी के प्रकाशोत्सव पर सर्वप्रथम प्रातःकाल स्नानादि करके पांच वाणी का 'नित नेम' करें।
- स्वच्छ वस्त्र पहनकर गुरुद्वारा साहिब जाएं और मत्था टेकें।
- गुरु स्वरूप सात संगत के दर्शन करें।
- गुरुवाणी, कीर्तन सुनें।
- गुरुओं के इतिहास का श्रवण करें।
- सच्चे दिल से अरदास सुनें।
- संगत व गुरुघर की सेवा करें।
- गुरु के लंगर में जाकर सेवा करें।
- अपनी सच्ची कमाई में से 10वां हिस्सा धार्मिक कार्य व गरीबों की सेवा के लिए दें।
इन 3 बातों का पालन अवश्य करें :-
गुरु नानक ने सच्चे सिख के लिए यानी अपने शिष्यों से तीन मुख्य बातों का पालन करने के लिए कहा है।
- ईश्वर का नाम जपें
- सच्ची कीरत (कमाई) करें।
- गरीब मार नहीं करें। (दान करें)
रात्रि में क्या करें :-
गुरु नानक देवजी का जन्म रात्रि लगभग 1 बजकर 40 मिनट पर हुआ था। अतः इसके लिए रात्रि जागरण किया जाता है।
इसके लिए निम्न कार्य करें :-
- रात को पुनः दीवान सजता है अतः वहां कीर्तन, सत्संग आदि करें।
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- जन्म के बाद सामूहिक अरदास में शामिल हों।
- गुरु महाराज के प्रकाश (जन्म) के समय फूलों की बरखा एवं आतिशबाजी करें।
- कड़ा-प्रसाद लें व एक-दूसरे को बधाई दें।