नारा लोकेश को सता रहा हार का डर, पहली बार लड़ रहे चुनाव

चेन्नई : पिता मुख्यमंत्री, हाथ में सत्ता और बेशुमार पैसा होने के बावजूद चुनाव में हार लगभग तय मानते हुए आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू के मंत्री पुत्र नारा लोकेश चिंता में डूबे हुए हैं। तमिल दैनिक 'दिनर मलर' ने 'आदिलोने संहपादा' शीर्षक से एक खबर प्रकाशित की है।
एक राज्य के मुख्यमंत्री साथ में खड़े होकर भी क्या फायदा ? विधानसभा चुनाव में जीत सुनिश्चित नहीं कर पाने के मलाल से परेशान हैं आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री व टीडीपी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश। विरासत की राजनीति का अनुसरण करते हुए चंद्रबाबू ने अपने बेटे को पार्टी और सरकार में महत्वपूर्ण पद सौंपने का अलावा मंत्री भी बनाया।
चंद्रबाबू अपने बेटे लोकेश को पिछले दिनों संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में गुंटूर जिले के मंगलगिरी विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। परंतु वोट मांगने गए लोकेश को कुछ ही दिनों में पता चल गया कि यह क्षेत्र वाईएसआर कांग्रेस पार्टी का गढ़ है और यहां से उनकी जीत आसान नहीं है।
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सरकार, सत्ता, धन और बल के पूर्ण इस्तेमाल के बाद भी यहां से लोकेश की जीत मुमकिन नहीं दिख रही है। लोकेश में चुनाव हारने का डर सता रहा है। लोकेश में यह भी डर है कि यह उनका पहला चुनाव है और इसमें अगर हार जाएंगे तो आयरन लेग होने की छाप पड़ जाएगी।